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Women Reservation Bill: आधी आबादी की जय... विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की तैयारी

Women Reservation Bill प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा था कि यह सत्र ऐतिहासिक होगा। यूं तो यह अंदेशा विपक्ष को भी हो गया था कि सरकार महिला आरक्षण जैसा अहम राजनीतिक विधेयक पास सकती है और इसी लिए कांग्रेस समेत दूसरे दलों की ओर से इसकी मांग की जाने लगी थी। ताकि यदि सरकार इसे लाए तो श्रेय विपक्षी दल ले सकें। लेकिन...

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 19 Sep 2023 08:17 AM (IST)
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संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की तैयारी चल रही है। (File Photo)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद के विशेष सत्र की घोषणा के साथ ही जिस महिला आरक्षण विधेयक को लेकर चर्चा तेज हुई थी, उसे पारित कराने की तैयारी हो गई है। पूरी संभावना है कि नये संसद भवन से सबसे पहले आधी आबादी की राजनीतिक हिस्सेदारी तय करने वाले इस विधेयक को हरी झंडी देकर ऐतिहासिक संदेश देने की कोशिश हो। बताया जाता है कि सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। इस आरक्षण के जरिये संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

महिला आरक्षण विधेयक: कई दलों की मांग

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा था कि यह सत्र ऐतिहासिक होगा। यूं तो यह अंदेशा विपक्ष को भी हो गया था कि सरकार महिला आरक्षण जैसा अहम राजनीतिक विधेयक पास सकती है और इसी लिए कांग्रेस समेत दूसरे दलों की ओर से इसकी मांग की जाने लगी थी। ताकि, यदि सरकार इसे लाए तो श्रेय विपक्षी दल ले सकें। लेकिन, सरकार ने भी तैयारी कर ली है कि विपक्ष का हाथ खाली रहे। माना जा रहा है कि सरकार उस महिला आरक्षण विधेयक में थोड़ा परिवर्तन कर रही है, जो 2010 में कांग्रेस काल में राज्यसभा से पारित हुआ था।

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महिला आरक्षण विधेयक: विपक्ष का विरोध

जाहिर है कि कांग्रेस कुछ बिंदुओं पर विरोध करती दिख सकती है। जबकि, विपक्षी गठबंधन के कई छोटे दल पहले से इसका विरोध करते रहे हैं। ऐसे में गठबंधन में दरार दिखेगी। समाजवादी पार्टी, राजद, डीएमके जैसे कई दल इसके विरोध में हैं। चूंकि, यह संविधान संशोधन विधेयक है, इसलिए इसमें वोटिंग की जरूरत होती है। यह देखना होगा की कोटा के अंदर कोटा की मांग करने वाले विपक्षी गठबंधन के दल इसमें कितना अवरोध खड़ा करते हैं। कांग्रेस के समय में ऐसे दलों के कई नेताओं को मार्शल के जरिये बाहर करना पड़ा था। बदली हुई परिस्थिति में कांग्रेस के लिए ऐसे किसी कदम का समर्थन करना मुश्किल होगा।

चुनावों में महिलाओं की बढ़ी है भागीदारी

पिछले कुछ चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। कई राज्यों में वे पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट डाल रही हैं। प्रधानमंत्री ने स्वयं पिछले कुछ चुनावों में भाजपा की जीत का श्रेय महिलाओं को दिया था। ऐसे में महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत का आरक्षण देकर सरकार अपने वोट को और दुरुस्त करेगी। 2026 में सीमांकन होना है और लोकसभा की सीटें बढ़ेगी। नया संसद भवन इसके लिए तैयार है।