SC on Women Reservation: 'संसद-विधानसभा में 33 फीसदी महिला आरक्षण तत्काल लागू हो', याचिका पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट
SC on Women Reservation कांग्रेस नेता की याचिका में मांग की गई कि परिसीमन का इंतजार किए बिना जल्द से जल्द आरक्षण लागू हो। कोर्ट ने अपनी प्रतिक्रिया देने के बाद सुनवाई 22 नवंबर तक टाल दी। याचिका पर SC ने कहा कि किसी भी आरक्षण से पहले कई प्रक्रिया का पालन करना होता है।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Fri, 03 Nov 2023 02:26 PM (IST)
एजेंसी, नई दिल्ली। SC on Women Reservation संसद और विधानसभा चुनाव में 33 फीसद महिला आरक्षण तत्काल लागू करने की मांग को लेकर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका पर SC ने कहा कि इसके लिए कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होती है।
याचिका में क्या कहा गया
कांग्रेस नेता की याचिका में मांग की गई कि परिसीमन का इंतजार किए बिना जल्द से जल्द आरक्षण लागू हो। कोर्ट ने इसपर कहा कि किसी भी आरक्षण से पहले कई प्रक्रिया का पालन करना होता है। कोर्ट ने प्रतिक्रिया देने के बाद सुनवाई 22 नवंबर तक टाल दी।
SC ने और क्या कहा
- SC ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि महिला आरक्षण कानून के उस हिस्से को रद्द करना 'बहुत मुश्किल' है जिसमें कहा गया है कि इसे जनगणना के बाद लागू किया जाएगा।
- न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कांग्रेस नेता की याचिका पर नोटिस जारी करने से भी इनकार कर दिया। याचिका में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को तत्काल लागू करने की मांग की गई थी।
- पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर अदालत के समक्ष एक याचिका पहले से लंबित है और वह 22 नवंबर को इसके साथ ही ठाकुर की याचिका पर भी सुनवाई करेगी।
कांग्रेस नेता के वकील ने क्या कहा
वकील विकास सिंह ने अपनी दलील में कहा कि यह समझ में आता है कि पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए डेटा संग्रह के लिए जनगणना की आवश्यकता है, लेकिन आश्चर्य है कि महिला आरक्षण के मामले में जनगणना का सवाल कहां उठता है।
सिंह ने कहा कि कानून का वह हिस्सा जो कहता है कि इसे जनगणना के बाद लागू किया जाएगा, मनमाना है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
इस पर पीठ ने कहा कि अदालत के लिए ऐसा करना बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि इसमें बहुत सारे मुद्दे हैं। सीटें पहले आरक्षित करनी होंगी और कई और अन्य चीजें भी हैं।