'महिला आरक्षण बस कागज पर, यह धारणा न बनाएं', सभापति धनखड़ ने प्रियंका चतुर्वेदी की टिप्पणी पर किया पलटवार
राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने महिला आरक्षण पर शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की टिप्पणी को खारिज किया। उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण केवल कागज पर मिल रहा है यह धारणा बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। धनखड़ ने कहा कि इस कानून तक पहुंचने का रास्ता एक युगारंभिक घटनाक्रम है । इस पर कोई अन्यथा भाव जाहिर करने की जरूरत नहीं है।
पीटीआई, नई दिल्ली। राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने महिला आरक्षण पर शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण केवल कागज पर मिल रहा है यह धारणा बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
चर्चा में भाग लेते हुए उद्धव गुट की शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को उच्च सदन में कहा कि पिछले साल संसद में पारित महिला आरक्षण बिल वर्ष 2029 के बाद ही लागू होगा। आप (महिलाएं) तब तक कतार में खड़ी रहें, लेकिन हम (सरकार) आपके लिए दरवाजा 2029 में ही खोलेंगे। इस पर अध्यक्ष की आसंदी पर बैठे धनखड़ ने कहा कि इस कानून तक पहुंचने का रास्ता एक युगारंभिक घटनाक्रम है।
कुछ मुद्दों पर हमें बहुत तार्किक होने की जरूरत
इस पर कोई अन्यथा भाव जाहिर करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर हमें बहुत तार्किक होने की जरूरत है। युगारंभिक घटनाक्रम वाले इस महिला आरक्षण बिल का पूरी संसद ने समर्थन किया है। इससे प्रसन्नचित संसद सदस्यों में एक आप भी थीं प्रियंका जी। आप जानतीं हैं कि फलीभूत होने से पहले एक प्रक्रिया का पालन करना होता है।धनखड़ ने कहा कि एक इकोसिस्टम बनाने के लिए कुछ दिया ही जा रहा है। इसलिए ऐसा प्रभाव न दर्शाएं कि कुछ ऐसा दिया गया है जो तत्काल लागू किया जा सकता है। सभी को पता है कि इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पहले परिसीमन करना पड़ता है और आरक्षण के लिए संसदीय क्षेत्रों की पहचान करना जरूरी है। तीन दशकों से हमारी माताएं और बहने इस इस आरक्षण के लिए इंतजार करती रही हैं। आखिरकार सबके सहयोग से यह फलीभूत होने जा रहा है।
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