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ये है दुनिया का सबसे बड़ा घर, क्षेत्रफल में बकिंघम पैलेस को भी देता है मात; बस जाए एक नया शहर

लक्ष्मी विलास पैलेस इंडो सरैसेनिक रिवाइवल आर्किटेक्चर में बनी एक ऐसी संरचना है जिसका शुमार दुनिया के आलीशान महलों में किया जाता है। लक्ष्मी विलास पैलेस की संरचना में राजस्थानी इस्लामिक और विक्टोरियन आर्किटेक्चर का अनोखा संगम देखने को मिलता है। इसलिए बाहर से देखने में इस महल के गुंबदों में कहीं मंदिर तो कहीं मस्जिद तो कहीं गुरुद्वारे के गुंबद नजर आते हैं।

By Shashank MishraEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 23 Jun 2023 12:29 AM (IST)
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लक्ष्मी विलास पैलेस 1890 में बनाया गया सबसे बड़ा निजी आवास है।
नई दिल्ली, शशांक शेखर मिश्रा। दुनिया के सबसे बड़े निजी आवास का जिक्र करें तो यह भारत के गुजरात में स्थित है, जिसे लक्ष्मी विलास पैलेस के नाम से जाना जाता है। इसका कुल क्षेत्रफल 3,04,92,000 वर्ग फुट है। वहीं, दूसरी ओर बकिंघम पैलेस 828,821 वर्ग फुट में फैला हुआ है, जबकि मुकेश अंबानी का एंटीलिया 48,780 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है।

गुजरात के वड़ोदरा में स्थित लक्ष्मी विलास पैलेस में 170 से अधिक कमरे हैं। इसका निर्माण गायकवाड़ राजवंश के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़- III ने 1890 में कराया था। उस समय इस महल के निर्माण की लागत 6 मिलियन पाउंड के आसपास थी। इसके निर्माण में लगभग 12 वर्ष लगे थे। मेजर चार्ल्स मंट को महल के मुख्य वास्तुकार के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने इंडो-सारसेनिक शैली में महल का डिजाइन तैयार किया था। आज यह घर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।

आइए इस घर से जुड़ी और भी कई दिलचस्प बातें आपको बताते है…

लक्ष्मी विलास पैलेस (Laxmi Vilas Palace) मराठा साम्राज्य के शाही वंश की देन है। एक समय पर ये परिवार वड़ोदरा पर राज करता था। भारत सरकार ने स्वतंत्रता के बाद राजशाही की अवधारणा को देश में समाप्त कर दिया था लेकिन वड़ोदरा के स्थानीय लोग आज के समय में भी इस शाही परिवार को पहले की ही तरह सम्मान देते हैं। फिलहाल समरजीत सिंह परिवार के मुखिया हैं।

लक्ष्मी विलास महल के अंदर का एक दृश्य

लक्ष्मी विलास पैलेस की बात करें तो इस पैलेस में गार्डन व अन्य लग्जरी सुविधाएं भी उपलब्ध है। यहां आराम से एक छोटा शहर बसाया जा सकता है। इस पैलेस के पास खुद का गोल्फ कोर्स है, जिसे 1930 के दशक में महाराजा प्रतापसिंह ने बनाया था। परिसर के भीतर अन्य इमारतों में महल भोज और मोती बाग पैलेस और महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय भवन शामिल हैं।

इसमें मोती बाग क्रिकेट ग्राउंड, वड़ोदरा क्रिकेट एसोसिएशन का कार्यालय और एक इनडोर सागौन-फर्श वाला टेनिस और बैडमिंटन कोर्ट भी है। पैलेस के दरबार हॉल में वेनेशियन पद्धति का फर्श है। इस फर्श का इतिहास रोम और ग्रीस से जुड़ा है। इसमें एक बहुत बड़ा बगीचा भी है जहां बड़े फाउंटेंस लगे हुए हैं। आपको यहां शस्त्रागार और मूर्तियों का संग्रह भी देखने को मिलेगा।

लक्ष्मी विलास पैलेस के बारे में जान लें ये बातें

लक्ष्मी विलास पैलेस में तस्वीरें क्लिक करना बिल्कुल मना है। यह एक प्राइवेट पैलेस है, जिसे देखने के लिए 170 रूपए का टिकट लगता है। ये पैलेस सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक आप पैलेस घूम सकते हैं।

क्या है पैलेस का बॉलीवुड कनेक्शन?

मालूम हो कि लक्ष्मी विलास पैलेस में अब तक कई मशहूर हिंदी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, जिनमें प्रेम रोग, दिल ही तो है, सरदार गब्बर सिंह, ग्रैंड मस्ती आदि शामिल है।

लक्ष्मी विलास पैलेस के मालिक समरजीत सिंह हैं, लेकिन पैलेस को पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। हालांकि, इसका केवल एक छोटा हिस्सा ही पर्यटकों के लिए खुला रहता है। लक्ष्मी विलास पैलेस को शुभ समारोह जैसे कि शादी-विवाह के लिए बुक किया जा सकता है।

वड़ोदरा के शाही वंश की कुल संपत्ति

समरजीत सिंह को 20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति और राजा रवि वर्मा की कई पेंटिंग उनके पूर्वजों से विरासत में मिली है। उनके पास सोने और चांदी के बहुत सारे आभूषण भी है। वे गुजरात और वाराणसी में 17 मंदिरों के ट्रस्ट का प्रबंधन भी करते हैं।