Global Population: आठ अरब के पार पहुंची विश्व की जनसंख्या, ये है प्रमुख आंकड़ें
यूएनएफपीए ने ट्वीट किया ‘आठ अरब उम्मीदें आठ अरब सपने आठ अरब संभावनाएं। अब हमारी धरती आठ अरब मनुष्यों का घर है। साथ मिलकर हम ऐसी दुनिया बना सकते हैं जिसमें सभी आठ अरब लोग फलें-फूलें।’ यूएनएफपीए ने जनसंख्या में वृद्धि को मानवता की उपलब्धि का प्रमाण बताया है।
By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Wed, 16 Nov 2022 01:19 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। Global Population विश्व के आठ अरबवें बच्चे ने जन्म ले लिया है। मंगलवार को यूनाइटेड नेशंस पापुलेशन फंड (यूएनएफपीए) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। विश्व की आबादी को सात से आठ अरब होनेमें 12 साल का समय लगा है। पिछले 100 करोड़ में भारत की हिस्सेदारी 17.7 करोड़ और चीन की 7.3 करोड़ रही। अभी जनसंख्या बढ़ने की जो दर है, उस हिसाब से जब सुबह आप यह पढ़ रहे होंगे, तब तक जनसंख्या एक लाख और बढ़ चुकी होगी।
चुनौती के बीच उम्मीदों, सपनों और संभावनाओं की दिख रही तस्वीर
यूएनएफपीए ने ट्वीट किया, ‘आठ अरब उम्मीदें, आठ अरब सपने, आठ अरब संभावनाएं। अब हमारी धरती आठ अरब मनुष्यों का घर है। साथ मिलकर हम ऐसी दुनिया बना सकते हैं जिसमें सभी आठ अरब लोग फलें-फूलें।’ यूएनएफपीए ने जनसंख्या में वृद्धि को मानवता की उपलब्धि का प्रमाण बताया है। इनमें घटती गरीबी, लैंगिक समानता, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा का विस्तार जैसी उपलब्धियां शामिल हैं। ज्यादा महिलाएं जीने में सक्षम हैं, ज्यादा बच्चे जीवित रह पा रहे हैं और लोग दशकों तक स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। हालांकि यह तथ्य भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि जनसंख्या में हो रही वृद्धि का बड़ा हिस्सा गरीब देशों में सिमटा है। ऐसे में आर्थिक विकास के माडल में बदलाव की जरूरत है, जिससे सभी को बेहतर जीवन मिल सके।
तीन दशक पहले की तुलना में अब ज्यादा जी रहे हैं लोग
- 72.8 साल हो गई भी लोगों की जीवन प्रत्याशा 2019 में
- 9 साल कम जीते थे लोग 1990 में
- 77.2 साल हो जाएगी जीवन प्रत्याशा 2050 तक
सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या वाला देश बना हुआ है भारत
भारत में लोगों की औसत आयु अन्य देशों की तुलना में कम है। इसीलिए भारत सबसे ज्यादा युवाओं वाला देश है। बढ़ती जनसंख्या की चुनौती के बीच विशेषज्ञ इसे उम्मीद की किरण भी मान रहे हैं।