World Population Day 2023 : चुनौतियां पैदा करती बढ़ती आबादी, इस वजह से मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस दूनियाभर में हर साल अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड पॉपुलेशन डे 2023 की थीम ‘Imagine a world where everyone all 8 billion of us has a future bursting with promise and potential. यानी कि एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जहां हम सभी से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो रखी गई है।
By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 11 Jul 2023 12:00 AM (IST)
नई दिल्ली, आशिषा सिंह राजपूत। World Population Day : हर साल 11 जुलाई को मनाया जाने वाला विश्व जनसंख्या दिवस एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य दुनिया की बढ़ती आबादी की चुनौतियों और प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसानों की बढ़ती आबादी को लगातार एक बड़ी चिंता का विषय बताया जाता रहा है। इसीलिए वैश्विक जनसंख्या से संबंधित प्रचलित मुद्दों जैसे- सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणामों का विश्लेषण करने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
वर्ल्ड पॉपुलेशन डे की शुरुआत
वैश्विक जनसंख्या के लगभग पांच अरब से अधिक होने पर 11 जुलाई, 1987 को वर्ल्ड पॉपुलेशन डे की शुरुआत की गई थी। वर्तमान के समय में विश्व की जनसंख्या 8 अरब से ज्यादा है। 20वीं सदी के मध्य में, दुनिया ने जनसंख्या वृद्धि में तेजी से बढ़ोतरी देखी, जिसे "जनसंख्या विस्फोट" के रूप में जाना जाता है।वहीं, आधुनिक चिकित्सा की शुरूआत, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में सुधार और प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या में वृद्धि हुई। इस तीव्र वृद्धि ने संसाधनों, बुनियादी ढांचे और प्राकृतिक पर्यावरण पर अत्यधिक दबाव डाला है।
विश्व जनसंख्या दिवस 2023 की थीम
हर साल मनाया जाने वाला 'विश्व जनसंख्या दिवस' थीम बेस्ड होता है। यह दिन दूनियाभर में हर साल अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है। इसी क्रम में विश्व जनसंख्या दिवस 2023 की थीम ‘Imagine a world where everyone all 8 billion of us has a future bursting with promise and potential.' यानी कि 'एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जहां हम सभी से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो' रखी गई है।अधिक जनसंख्या की चुनौतियां :
1. खाद्य सुरक्षा: बढ़ती जनसंख्या वैश्विक खाद्य उत्पादन प्रणाली पर दबाव डालती है, जिससे भोजन की कमी, कुपोषण और भूख की समस्याएं पैदा होती हैं। इससे टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बनाए रखते हुए भोजन की बढ़ती मांग को पूरा करना बड़ी चुनौती है।2. शहरीकरण और आवास: अधिक जनसंख्या के कारण व्यापक शहरीकरण हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप भीड़भाड़ वाले शहर, अपर्याप्त आवास और मलिन बस्तियां पैदा हुई हैं। उचित बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं की कमी सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा करती है।
3. पर्यावरणीय प्रभाव: बढ़ती जनसंख्या प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव डालती है, जिससे वनों की कटाई, पानी की कमी, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का कारण पैदा होता है।4. स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा: बढ़ती आबादी को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ सभी के लिए चिकित्सा देखभाल और शिक्षा सहित आवश्यक सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना कठिन होता जा रहा है।