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World Post Day 2022 : जानिए क्या है 'विश्व डाक दिवस' का इतिहास, महत्व और इस साल का थीम

World Post Day हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है ‘वर्ल्ड पोस्ट डे’। डाक सेवा देशों के इकोनॉमिक और सोशल डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाती है। इस साल ‘वर्ल्ड पोस्ट डे’ की थीम ‘पोस्ट फॉर प्लैनेट’ है जो पर्यावरण संरक्षण से पोस्ट को जोड़ती है।

By Babli KumariEdited By: Updated: Sun, 09 Oct 2022 12:42 PM (IST)
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World Post Day 2022 (विश्व डाक दिवस)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी उसी साल पहला विश्व डाक दिवस मनाया गया था। तभी से हर साल इसे 9 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। उसी तरह से भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर डाक दिवस मनाया जाता है। भारत में दिवस से अधिक इसे स्प्ताह से के तौर पर मनाया जाता है।

जिसे नेशनल पोस्टल वीक या राष्ट्रीय डाक सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। भारत में डाक सेवा से कई लोगों को रोजगार के अवसर मिले साथ ही इस सेवा ने सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अपना योगदान दिया। भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह हर साल 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है।

इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोनज किया जाता है। इस साल विश्व डाक दिवस की थीम है 'पोस्ट फॉर प्लेनेट' तय की गई है। इसके साथ आपको बता दें की विश्व स्तर पर इस दिवस को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना के दिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। किस प्रकार डाक सेवा ने लोगों को और कहीं न कहीं देशों को आपस में जोड़ा है। इस योगदान को देखते हुए इस दिवस को मनाया जाता है। आइए जाने विश्व डाक दिवस के इतिहास के बारे में-

विश्व डाक दिवस का इतिहास

वर्ष 1840 के समय में इंग्लैंड में एक प्रणाली की शुरुआत की गई थी। इस प्रणाली के तहत जो भी डाक पत्र होते थें उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड करना होता था। इस प्रणाली की शुरुआत सर रॉलैंड हिल द्वारा की गई थी। इस प्रणाली में पत्रों के लिए प्रीपेड भुगातने के साथ घरेलु सेवा के लिए एक श्रेणी निश्चित की गई थी, जिसमें समान भार वाले सभी पत्रों के लिए एक समान दर वसूल किया जाता था। इतना ही नहीं सर रॉलैंड हिल ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी।

विश्व डाक दिवस महत्व

विश्व डाक दिवस के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। इस दिवस को मुख्य तौर पर लोगों में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इसके उद्देश्य की बात करें तो इसका मुख्य उद्देश्य देशों के विकास सेवा के आर्थिक और सामाजिक महत्व को आगे बढ़ाना है।

विश्व डाक दिवस के लिए थीम

जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या बन रही है, जिससे निपटने के लिए कई देश बढ़- चढ़ कर आगे आ रहे हैं। ऐसे में विश्व डाक दिवस की थीम “पोस्ट फॉर प्लेनेट” (post for planet) रखी गई है।

विश्व डाक दिवस पर जानें कुछ रोचक जानकारियां

  • पोस्ट से दुनिया की लगभग 82% आबादी को होम डिलीवरी की फैसिलिटी मिलती है। इसके अलावा 77% लोग ऑनलाइन भी इन सर्विस का फायदा उठाते हैं।
  • मार्च, 2017 तक देश में कुल 1,54,965 पोस्ट ऑफिस थे, जबकि देश में 23 पोस्टल सर्किल हैं, जिनमें हर एक का चीफ पोस्टमास्टर जनरल होता है।
  • दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस हिमाचल प्रदेश के हिक्किम में है।
  • एक समय में पोस्ट ऑफिस 100 मील पर दो आना शुल्क वसूला करते थे।
  • गांधीजी पहले व्यक्ति थे, जिनकी तस्वीर पहले स्वतंत्र भारत टिकट में चित्रित की गई थी।
  • भारत में सबसे पहला पोस्ट ऑफिस ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से कोलकाता में 1774 में स्थापित किया गया था।
  • भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर, 1947 (स्वतंत्रता के बाद) को जारी किया गया था। स्वतंत्र भारत के पहले डाक टिकट में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को दर्शाया गया था।
  • साल 1984 में सबसे रंगीन टिकटों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में कोचीन के टिकटों को दूसरे स्थान पर रखा गया था।
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