वर्ल्ड अर्बन फोरम में दुनिया को राह दिखाएगा भारत, पढ़ें क्यों खास है यह सम्मेलन
World Urban Forum का आयोजन इस साल नवंबर के पहले सप्ताह में किया जाएगा। इसका आयोजन इजिप्ट की राजधानी काइरो में होगा। इस फोरम का गठन संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में लोगों शहरों आर्थिकी और जलवायु परिवर्तन पर तीव्र शहरीकरण के असर का अध्ययन करने के लिए किया था। भारत के पास इस दौरान अपने तौर-तरीकों से दुनिया को अवगत कराने और दूसरे देशों से सीखने का अवसर है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नवंबर के पहले सप्ताह में काइरो में होने जा रहे वर्ल्ड अर्बन फोरम में भारत के पास शहरीकरण की चुनौतियों से निपटने के अपने तौर-तरीकों से दुनिया को अवगत कराने और दूसरे देशों से सीखने का अवसर है।
चार से छह नवंबर तक आयोजित होने वाले इस फोरम में इस बार की थीम 'शुरुआत घर से' है। यहां घर का आशय चुनौतियों का सामना करने के लिए स्थानीय दृष्टिकोण अपनाने और उसी के अनुरूप समाधान खोजने से है। फोरम की सबसे अहम थीम शहरों में भविष्य के लिए आवास है।
(Photo Credit- unhabitat.org)
'पांच साल में आधी से अधिक आबादी शहरों में होगी'
फोरम में चर्चा के लिए पांच अन्य बिंदु भी हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) के पूर्व प्रमुख हितेश वैद्य के अनुसार, 'इस फोरम के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे देश में शहरीकरण की रफ्तार किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक है। अगले पांच साल में हमारी आधी से अधिक आबादी शहरों में रह रही होगी।'वैद्य का कहना है कि भारत को इस फोरम में जर्मनी की तरह एक देश के रूप में भाग लेना चाहिए, न कि केवल एक मंत्रालय या किसी संगठन के बलबूते। शहरों में आवास समस्या के समाधान के लिए पीएम आवास योजना ने एक महत्वपूर्ण समाधान प्रस्तुत किया है। यह बाकी दुनिया के लिए एक नजीर बन सकती है। इसी तरह स्मार्ट सिटी मिशन ने क्षेत्र आधारित विकास के साथ पर्यावरण अनुकूल शहरी विकास योजना का मॉडल प्रस्तुत किया है।