Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Wrestlers Protest: अमित शाह से मिले प्रदर्शनकारी पहलवान, बृजभूषण शरण के खिलाफ जल्द चार्जशीट दाखिल करने की मांग

Wrestlers meet Amit Shah बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले ओलंपियन पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। बजरंग पुनिया साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने शाह से मिलकर बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की मांग की है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 05 Jun 2023 08:55 AM (IST)
Hero Image
Wrestlers Protest गृह मंत्री शाह से मिले पहलवान।

नई दिल्ली, आईएएनएस। Wrestlers Protest भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले ओलंपियन पहलवानों ने बीते दिन गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने गृह मंत्री शाह से उनके आवास पर मिलकर बृजभूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की मांग

जानकारी के अनुसार, बीती रात अमित शाह से मिलकर पहलवानों ने अपनी चिंता जाहिर की और एक लंबी बैठक में सब कुछ बताया। पहलवानों ने गृह मंत्री से बृजभूषण के खिलाफ जल्द चार्जशीट दाखिल करवाने की अपील की, लेकिन फिलहाल कोई फैसला नहीं हो पाया है।

महीना भर जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

विनेश, एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। सभी ने महीने भर दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर बृजभूषण पर हुई FIR

प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने इस बीच सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था, जहां कोर्ट ने उनकी बात सुनकर दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा था। नोटिस के बाद पुलिस ने बिना देर किए बृजभूषण पर दो एफआईआर दर्ज कर ली थी।

दिल्ली पुलिस ने हटाया तो गंगा में मेडल बहाने पहुंचे

जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए हटा दिया था। पुलिस का कहना था कि ये पहलवान संसद की ओर जाने की कोशिश में थे और बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ रहे थे। विरोध करने वाले पहलवानों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था।

जंतर-मंतर से खदेड़े जाने के बाद पहलवानों ने इसका विरोध करने के लिए हरिद्वार जाकर गंगा में अपने ओलंपिक मेडल गंगा नदी में गिराने की भी कोशिश की। हालांकि, कई किसान नेताओं के अनुरोध पर उन्होंने फैसला वापिस ले लिया और उन्हें पदक सौंप दिए।