साल 2023 अलविदा कहने को तैयार है और नई उमंग के साथ पूरा देश 2024 में कदम रखने वाला है। इस साल राजनीति से लेकर आम मुद्दों को लेकर देश ने परचम लहराया जबकि विदेशी घटनाक्रमों ने भी सुर्खियां बटोरी हैं। विपक्षी दलों के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किए जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई 2023 को नई संसद को राष्ट्र को समर्पित किया।
By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 27 Dec 2023 05:59 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2023 अलविदा कहने को तैयार है और नई उमंग के साथ पूरा देश 2024 में कदम रखने वाला है। इस साल राजनीति से लेकर आम मुद्दों को लेकर देश ने परचम लहराया, जबकि विदेशी घटनाक्रमों ने भी सुर्खियां बटोरी हैं। चाहे बात चंदा मामा की गोद में जाकर बैठने की हो या फिर महिलाओं को उचित सम्मान देने की। भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग की और इसी के साथ ही ऐसा कारनामा करने वाला पहला देश बन गया। तो चलिये जानते हैं इस साल की पांच बड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।
राष्ट्र को समर्पित नई संसद
विपक्षी दलों के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किए जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई, 2023 को नई संसद को राष्ट्र को समर्पित किया। हालांकि, कांग्रेस सहित 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया, क्योंकि विपक्षी दलों का मानना था कि नई संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नहीं, बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को करना चाहिए था।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस संसद को त्रिकोणीय आकार में डिजाइन किया गया। नई संसद के लोकसभा में 888 सांसदों के बैठने की क्षमता, जबकि राज्यसभा में 384 सांसद बैठ सकते हैं।साल 2023 में देशवासियों को नई संसद का नजारा देखने को मिला, लेकिन इसी साल के आखिरी माह में संसद के भीतर एक ऐसी घटना हुई जिसने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी। दरअसल, लोकसभा के दर्शक दीर्घा से कूदकर दो उत्पादियों (सागर शर्मा और मनोरंजन डी) ने कलर क्लस्टर से संसद को धुआं धुआं कर दिया था। संसद सुरक्षा सेंध से जुड़े मामले में अब तक सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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नारी वंदन से अभिनंदन
लोकतंत्र के मंदिर ने महिलाओं को उचित हिस्सेदारी देने का काम किया। इस साल नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद एक विशेष सत्र बुलाया गया था। इस सत्र में महिलाओं को उचित सम्मान देने की व्यवस्था की गई। सितंबर में बुलाए गए विशेष सत्र में राज्य विधानसभाओं और लोकसभा में 33 फीसद सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने वाला नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया गया और इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के साथ ही यह कानून बन गया।
यह कानून लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद सीटें अरक्षित करता है, जो राजनीति में महिलाओं को उचित भागीदारी देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
दूर नहीं चंदा मामा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंदा मामा पर ऐतिहासिक लैंडिंग कर हिंदुस्तान का नाम हर किसी की जुबां पर काबिज कर दिया। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 का लैंडर साउथ पोल पर उतरा था। इसी के साथ ही भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बना गया। वहीं, रूस ने भी इस साल चंद्रमा पर पहुंचने की कोशिश की और लूना 25 लॉन्च किया था, लेकिन रूस को कामयाबी नहीं मिली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए इसरो के विज्ञानियों को बधाई दी थी और कहा था कि विज्ञानियों की प्रतिभा और कोशिशों की बदौलत भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंच गया, जहां पर अब तक कोई नहीं पहुंचा। एक दिन बच्चे कहेंगे... बस मामा एक टूर के हैं।
अंग्रेजों के जमाने का आपराधिक कानून समाप्त
नये संसद ने अंग्रेजों के जमाने के पुराने आपराधिक कानूनों को समाप्त कर दिया। संसद ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से जुड़े तीनों बिलों को पारित किया। इससे बाद तीनों नए आपराधिक कानूनों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की भी मंजूरी मिल गई। जिसके बाद इन तीनों बिल ने कानून का रूप ले लिया।
इन तीनों बिलों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐतिहासिक बताते हुए कहा था कि इस कानून के पूर्णत: कार्यान्वयन होने पर तारीख पर तारीख का जमाना जाएगा। तीन साल में किसी भी पीड़ित को न्याय मिल जाए ऐसी न्याय प्रणाली इस देश में प्रस्तावित होगी।
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जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन
भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में स्थित'भारत मंडपम' में 9 और 10 सितंबर को दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ। इस दौरान 'भारत मंडपम' में नए भारत की समृद्धशाली तस्वीर देखने को मिली। इस सम्मेलन के सफल समापन समारोह के दौरान भारत ने ब्राजील को जी20 की औपचारिक रूप से अध्यक्षता सौंप दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समापन समारोह के दौरान कहा था कि भारत आगामी जी20 की अध्यक्षता के लिए ब्राजील को हरसंभव सहयोग करेगा। वसुधैव कुटुम्बकम की थीम पर नई दिल्ली में यह सम्मेलन हुआ।