जनवरी 2023 में, सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 4:1 बहुमत से केंद्र सरकार के छह साल पहले 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा। बहुमत की राय में कहा गया कि केंद्र की 8 नवंबर 2016 की अधिसूचना वैध है और आनुपातिकता के मानदंडों को पूरा करती है।
जल्लीकट्टू को अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक की विधानसभाओं द्वारा पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 में किए गए संशोधनों को बरकरार रखा। ये संशोधन जल्लीकट्टू, बैलगाड़ी दौड़, कंबाला और सांडों को वश में करने वाले खेलों की अनुमति देते हैं।
दिल्ली सरकार के पास विधायिका की शक्तियां
दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले पर मई में सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि मामलों को छोड़कर, दिल्ली के पास प्रशासनिक सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्ति है।
महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर SC ने फ्लोर टेस्ट को अनुचित बताया
11 मई को सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एकनाथ शिंदे गुट के अनुरोध के आधार पर फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाना "उचित नहीं" था। गौरतलब है कि इस मामले में उद्धव को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को अयोग्य नहीं ठहरा सकता और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल नहीं कर सकता क्योंकि उन्होंने विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करने के बजाय इस्तीफा देना चुना था।
SC ने मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी
4 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एक राजनीतिक रैली के दौरान 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी। जैसे ही गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई, उनका लोकसभा सांसद का दर्जा बहाल कर दिया गया। इससे पहले गुजरात की अदालत ने उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी जिसके बाद राहुल को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
SC ने अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के हक में फैसला दिया
सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चे अपने मृत माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा पाने के हकदार हैं। चाहे संपत्ति वह स्व-अर्जित हो या पैतृक।
समलैंगिक विवाह को कोई कानूनी मान्यता नहीं
17 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने समलैंगिक जोड़ों के विवाह करने के अधिकार या सिविल यूनियन बनाने के अधिकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया और कहा कि इस पर कानून बनाना संसद का काम है।
मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने का निर्देश दिया
20 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मैला ढोने के दौरान होने वाली मौतों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और इसे निंदनीय प्रथा करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सीवर सफाई के दौरान मरने वाले व्यक्तियों के परिजनों के लिए मुआवजा बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया।
केंद्र और राज्य सरकारों को हाथ से मैला ढोने की प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कदम उठाने के लिए कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आगे आदेश दिया कि जो लोग इस काम में लगे हुए स्थायी विकलांगता का शिकार होंगे, उन्हें न्यूनतम 20 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
SC ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखा
11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखा। इस आर्टिकल के जरिये जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया गया था।
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