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गेहूं की कम नहीं होगी पैदावार, भरा रहेगा अन्न भंडार, केंद्र सरकार का अनुमान

ऐसे में केंद्र सरकार का मानना है कि बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं की उपज निर्धारित लक्ष्य तक पहुंच सकती है। इसके पहले असमय वर्षा और ओले के कारण गेहूं की आठ से दस प्रतिशत फसल के नुकसान होने की बात कही गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 06 Apr 2023 10:59 PM (IST)
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-असमय वर्षा और आंधी के बाद भी लक्ष्य के अनुरूप 11.22 करोड़ टन होगी गेहूं की उपज
नई दिल्ली, अरविंद शर्मा। महंगाई के बढ़ते ग्राफ के बीच कृषि क्षेत्र से सुकून देने वाला समाचार है कि असमय बारिश और आंधी के बाद भी देश का अन्न भंडार कम नहीं होने जा रहा है। केंद्र सरकार का अनुमान है कि कुछ राज्यों में खराब मौसम के चलते गेहूं की फसल को आंशिक क्षति जरूर पहुंची है, लेकिन समग्रता में देश में गेहूं की उपज कम नहीं होगी।

क्ष्य के अनुरूप गेहूं की बंपर उपज

लक्ष्य के अनुरूप ही लगभग 11.22 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन होगा, क्योंकि मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में अनुमान से भी ज्यादा पैदावार होने की संभावना है। लक्ष्य के अनुरूप गेहूं की बंपर उपज के चलते महंगाई पर नियंत्रण में आवश्यक मदद मिल सकती है। दरअसल, पिछले 15-20 दिनों के दौरान तेज आंधी-वर्षा के चलते रबी फसलों के प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल के नुकसान की बात कही जा रही थी, लेकिन राज्यों से इनपुट मिलने के बाद केंद्र सरकार ने ऐसी आशंका को निर्मूल बताया।

किसानों को उठानी पड़ सकती है परेशानी : कृषि मंत्रालय

कृषि मंत्रालय का कहना है कि इस वर्ष भी गेहूं की उपज कम नहीं होगी। हालांकि कुछ हद तक उपज की गुणवत्ता जरूर प्रभावित होगी, जिसके चलते विक्रय के दौरान किसानों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। केंद्र सरकार ने इस बार 342 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। उपज के अनुमान के अनुसार लक्ष्य को प्राप्त करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

गेहूं की फसल पर असमय वर्षा के आकलन के बाद केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का बयान मायने रखता है। उन्होंने कहा है कि बेमौसम बारिश के बाद केंद्र की टीम प्रभावित राज्यों में गई है। राज्यों से भी रिपोर्ट आई है। कृषि मंत्रालय के साथ भी एक दिन पहले चर्चा हुई है।

क्या है रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार पंजाब एवं हरियाणा जैसे एक-दो राज्यों में गेहूं की फसल का नुकसान पहुंचा है, लेकिन अन्य किसी राज्य से ऐसा समाचार नहीं है। जिन राज्यों में कम वर्षा हुई है और मार्च के दूसरे सप्ताह में तापमान कम रहा है, वहां पैदावार बढ़ने की संभावना है। बिहार एवं यूपी जैसे राज्यों में लेट वेरायटी फसल होने के चलते नुकसान न के बराबर हुआ है। बल्कि कई क्षेत्रों में तो उपज बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं की उपज पहुंच सकती है निर्धारित लक्ष्य तक

ऐसे में केंद्र सरकार का मानना है कि बेमौसम बारिश के बावजूद गेहूं की उपज निर्धारित लक्ष्य तक पहुंच सकती है। इसके पहले असमय वर्षा और ओले के कारण गेहूं की आठ से दस प्रतिशत फसल के नुकसान होने की बात कही गई थी। कृषि मंत्रालय ने प्रारंभ में अनुकूल मौसम के चलते वर्ष 2022-23 में खाद्यान्न की बंपर पैदावार का अनुमान लगाया था।

इस बार कुल 32.36 करोड़ टन खाद्यान्न होने का आकलन किया गया था, जो पिछले वर्ष के 31.56 करोड़ टन की तुलना में 80 लाख टन ज्यादा है। पिछले रबी मौसम में गेहूं की फसल के परिपक्व होने के पहले अचानक तापमान में वृद्धि हो जाने के चलते उत्पादकता में गिरावट आई थी, जिससे कुल उपज में छह से आठ प्रतिशत की कमी आ गई थी और उत्पादन मामूली रूप से घटकर 107.74 करोड़ टन रह गया था।