Youth In India: 2036 तक बिहार, यूपी समेत नौ राज्यों में होगा सबसे ज्यादा यूथ; लेकिन देश में घटेंगे युवा, बढ़ेंगे बुजुर्ग
Youth In India 2022 रिपोर्ट के मुताबिक 2036 तक बिहार यूपी झारखंड में युवा आबादी सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है। वहीं दक्षिण के राज्यों तमिलनाडु और केरल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में युवाओं की आबादी सबसे कम रह सकती है।
By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2022 06:05 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश की सूची से बाहर हो सकता है। वर्ष 2021 से इसकी शुरूआत हो चुकी है। देश की युवा आबादी तेजी से घट रही है और इसके मुकाबले बुजुर्गों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। केंद्र सरकार ने हाल में 'भारत में युवा 2022' (Youth In India 2022) रिपोर्ट जारी की है। इसमें वर्ष 2036 तक देश की आबादी का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में 2036 में भारत की युवा आबादी 22.7 फीसद आंकी गई है।
अगर राज्यवार आंकड़ों पर नजर डालें तक वर्ष 2036 तक यूपी, बिहार और झारखंड समेत नौ राज्यों में देश की सबसे युवा आबादी होगी। इन नौ राज्यों की युवा आबादी, देश युवा आबादी के औसत से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया गया है। 236 तक देश में सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला राज्य बिहार होगा। युवा आबादी के मामले में यूपी का नंबर दूसरा होगा। वहीं तमिलनाडु में सबसे कम युवा आबादी होगी। सबसे कम युवा आबादी वाले राज्यों में तमिलनाडु के बाद केरल और फिर हिमाचल प्रदेश का स्थान होगा।
2036 में सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले राज्ययूथ इन इंडिया 2022 रिपोर्ट में वर्ष 2036 तक देश में 22.7 फीसद युवा आबादी का अनुमान लगाया गया है। बिहार में सबसे ज्यादा 25.5 फीसद, यूपी में 25.1 फीसद, मध्य प्रदेश में 24.7 फीसद, राजस्थान में 24.6 प्रतिशत, झारखंड में 24.5 फीसद, छत्तीसगढ़ में 24.2 प्रतिशत, हरियाणा में 23.4 फीसद, असम में 22.9 फीसद और दिल्ली में 22.8 फीसद युवा आबादी होगी।
2036 में सबसे कम युवा आबादी वाले राज्यकेंद्र की रिपोर्ट में वर्ष 2036 तक जिन राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम युवा आबादी का अनुमान लगाया गया है, उसमें सबसे कम 19.1 फीसद युवा आबादी के साथ तमिलनाडु सबसे पीछे है। इसके बाद केरल में 19.2 फीसद, हिमाचल में 19.5 फीसद, पश्चिम बंगाल व आंध्र प्रदेश में 19.6 प्रतिशत, पंजाब में 19.9 प्रतिशत, तेलंगाना में 20.2 फीसद, कर्नाटक में 20.8 फीसद, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में 21 फीसद, ओडिशा में 21.2 फीसद, उत्तराखंड में 21.9 प्रतिशत और गुजरात में 22.6 फीसद युवा आबादी का अनुमान लगाया गया है। उत्तर-पूर्व में असम को छोड़ शेष राज्यों में कुल युवा आबादी 20.7 फीसद होने का अनुमान लगाया गया है।
2021 में थी सबसे ज्यादा युवा आबादी'भारत में युवा 2022' (Youth In India 2022) रिपोर्ट केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation - MoSPI) के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2036 तक देश की युवा आबादी में करीब चार फीसद की कमी आने का अनुमान है। इस दौरान बुजुर्ग आबादी में तकरीबन आठ फीसद का इजाफा होगा, जो बुजुर्गों के वर्तमान औसत से लगभग दोगुना होगा। वर्ष 2011 में हुई जनगणना में देश में कुल युवाओं की आबादी 27.6 प्रतिशत थी, जबकि बुजुर्गों की आबादी 8.6 फीसद थी। 2016 में देश में सबसे ज्यादा युवा (27.9 प्रतिशत) आबादी थी, तब बुजुर्ग आबादी 9.2 फीसद थी। वर्ष 2021 में 27.3 फीसद युवा आबादी के साथ भारत, दुनिया का सबसे युवा देश था। रिपोर्ट में वर्ष 1991 से 2036 तक की युवा और बुजुर्ग आबादी के तुलनात्मक आंकड़े दिए गए हैं। वर्ष 1991 की जनगणना में देश में 26.6 फीसद युवा थे, तब बुजुर्गों की आबादी सबसे कम 6.8 फीसद थी। वर्ष 2036 में देश में युवाओं की आबादी 22.7 फीसद रहने का अनुमान है, जबकि बुजुर्गों की आबादी पिछले 45 वर्षों में 14.9 प्रतिशत के साथ सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है।
युवा और बुजुर्ग आबादी का वर्गीकरणदेश में युवा आबादी को नेशनल यूथ पॉलिसी के तहत परिभाषित किया गया है। नेशनल यूथ पॉलिसी (National Youth Policy-2003) में उस आबादी को युवा माना गया था, जिनकी आयु 13 वर्ष से 35 वर्ष के बीच थी। नेशनल यूथ पॉलिसी (National Youth Policy-2014) में 15 वर्ष से 29 वर्ष के लोगों को युवा परिभाषित किया गया है। वर्तमान रिपोर्ट में 2014 के मानकों के आधार पर आबादी का अनुमान लगाया गया है। वहीं 30 वर्ष से 59 वर्ष के लोगों को मध्य आयु वर्ग और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को बुजुर्ग माना गया है।
क्यों कम हो रही युवा आबादीरिपोर्ट में युवा आबादी कम होने की वजहों का भी अनुमान लगाया गया है। इसके अनुसार युवा आबादी में आने वाली कमी की मुख्य वजह जन्मदर में होने वाली कमी है। वहीं बुजर्ग आबादी में होने वाले इजाफे की मुख्य वजह जीवन प्रत्याशा मतलब औसत आयु में बढ़ोत्तरी को बताया गया है।
क्या होगा असरबुजुर्ग आबादी के बढ़ने से निर्भर आबादी का अनुपात बढ़ेगा, इसका सीधा असर मध्य आयु वर्ग की आबादी पर पड़ेगा। साथ ही देश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ेगा। इसके लिए हेल्थ केयर सेक्टर और बुजुर्गों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार को ज्यादा ध्यान देना होगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि युवा आबादी का प्रतिशत कम होने और बुजुर्गों का प्रतिशत बढ़ने से देश के विकास और उत्पादन शक्ति पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्ष 2036 तक युवा आबादी की हिस्सेदारी कम होने के बावजूद देश में उनकी संख्या 34.5 करोड़ से ज्यादा रहने का अनुमान है। वहीं वर्ष 2036 में मध्य आयु वर्ग (30 से 59 वर्ष) की आबादी 42.2 फीसद रहने का अनुमान है, जो अब तक की सबसे ज्यादा होगी।