मात्र 25 टन वजन, परीक्षण में जमकर बरसाए गोले; चीनी सीमा पर दिखेगा जोरावर टैंक का दम
Zorawar Tank डीआरडीओ ने जोरावर टैंक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। मात्र 25 टन वजनी हल्के टैंक चीन के साथ सीमा पर सेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए विकसित किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये टैंक हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में तैनाती में सक्षम है। इनके प्रदर्शन का कठोरता से मूल्यांकन किया गया और इसने सभी निर्धारित लक्ष्यों पर सटीकता के साथ गोले बरसाए।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को मात्र 25 टन वजनी हल्के टैंक जोरावर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान टैंक ने निशाने पर जमकर गोले बरसाए और सभी इच्छित उद्देश्यों को कुशलतापूर्वक पूरा करते हुए असाधारण प्रदर्शन किया। इसे चीन के साथ सीमा पर सेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए विकसित किया जा रहा है।
यह एक बहुमुखी प्लेटफॉर्म है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और एलएंडटी डिफेंस वायु-परिवहन योग्य टैंक विकसित कर रहा है, जिसे चीन सीमा पर तेजी से तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टैंक के सफल परीक्षणों को रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता के भारत के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।
प्रारंभिक परीक्षण रहा सफल
रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'डीआरडीओ ने 13 सितंबर को जोरावर का सफलतापूर्वक प्रारंभिक परीक्षण किया, जो हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में तैनाती में सक्षम है। टैंक के प्रदर्शन का कठोरता से मूल्यांकन किया गया और इसने सभी निर्धारित लक्ष्यों पर सटीकता के साथ गोले बरसाए। भारतीय सेना 350 से अधिक हल्के टैंक तैनात करने पर विचार कर रही है। अधिकांश की तैनाती पहाड़ी सीमावर्ती इलाकों में की जाएगी।'गौरतलब है कि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से सेना ने लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। अरुणाचल प्रदेश सहित एलएसी के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से परिवहन योग्य एम-777 अल्ट्रा लाइट हावित्जर तोपों की तैनाती की है। पूर्वी लद्दाख में टी-90 और टी-72 जैसे भारी टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को भी तैनात किया है।