Pervez Musharraf Dies: परवेज मुशर्रफ का दिल्ली से इस्लामाबाद का सफर, 21 साल की उम्र में ज्वाइन की थी PAK आर्मी
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व सेना अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ का निधन 5 फरवरी को दुबई में हुआ। उन्होंने दुबई के अस्पताल में आखिरी सांसें ली। मुशर्रफ का जन्म दिल्ली के दरियागंज इलाके के गोला मार्केट की प्रताप गली की हवेली में हुआ था।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ ने दुबई के अस्पताल में आखिरी सांसें ली। मुशर्रफ का जन्म दिल्ली के दरियागंज इलाके के गोला मार्केट की प्रताप गली की हवेली में हुआ था। परवेज मुशर्रफ की हवेली को नहर वाली हवेली नाम से जाना जाता है। यह हवेली नहर के किनारे स्थित है, इसी कारण इसे नहर वाली हवेली कहा जाता है।
दिल्ली में बीता मुशर्रफ का बचपन
परेवज मुशर्रफ का बचपन दरियागंज की संकरी गलियों में ही बीता है। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान जन्में परवेज मुशर्रफ की यादें आज भी इन गलियों में कैद है। परवेज मुशर्रफ की हवेली के आस-पड़ोस में रहने वाले लोग बताते है कि उनके पूर्वजों ने मुशर्रफ के बारे में कई कहानियां उनको सुनाई है। बता दें कि 4 साल की उम्र तक परवेज मुशर्रफ दिल्ली में ही रहे। इसके बाद विभाजन में के दौरान मुशर्रफ के परिवार ने पाकिस्तान जाना मुनासिब समझा।
1947 में झेला बंटवारे का दर्द
परेवज मुशर्रफ ने आजादी के संघर्ष को अपनी आंखों से देखा। आजादी के दौरान भारत को तीन हिस्सों में बांटा गया। इसी दौरान परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान चले गए। हालांकि, परवेज मुशर्रफ ने राष्ट्रपति बनने के बाद भी अपने बचपन की यादों को ताजा रखा था। 2001 में जब मुशर्रफ भारत दौरे पर आए तो उन्होंने अपनी हवेली जाने का फैसला किया था, जिससे उनकी पुरानी यादें ताजा हो सके।
21 साल की उम्र में ज्वाइन की थी पाक आर्मी
परवेज मुशर्रफ ने स्कूली शिक्षा कराची से प्राप्त की। परवेज मुशर्रफ ने लाहौर के क्रिस्चियन कॉलेज से मैथमेटिक्स से पढ़ाई की। पढ़ाई के बाद मुशर्रफ ने पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में दाखिला लिया था। इसके बाद उन्होंने 21 साल की उम्र में पाकिस्तान आर्मी ज्वाइन की थी।
1998 में बने सैन्य प्रमुख
परवेज मुशर्रफ अक्टूबर 1998 में पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख बने। 1999 में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटा कर सत्ता अपने हाथ में ली। परवेज मुशर्रफ ने 2001 में सैन्यप्रमुख रहते हुए खुद को राष्ट्रपति भी घोषित कर दिया था।
भारत से अच्छे संबंध बनाने के किए प्रयास
मुशर्रफ ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास किए थे। उन्होंने 2002 के एक सम्मेलन में दुनिया को चकित करते हुए तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से हाथ मिलाया। साथ ही उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच शांति की भी बात प्रधानमंत्री वाजपेयी से की।
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