मिलिए ट्रक मैकेनिक शांति देवी से जो मिनटों में लगा देती है गाडिय़ों में पंक्चर
दिल्ली में रहने वाली शांति देवी भारत की एक मात्र ऐसी महिला है जो मिनटों में गाडिय़ों के टायर दुरुस्त कर देती है। 55 वर्षीय शांति देवी केलिए सिर्फ छोटी गाडिय़ा ही नही बल्कि बड़ी-बड़ी गाडिय़ों के टायर बदलना भी बांयें हाथ का खेल है।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 20 Feb 2017 04:00 PM (IST)
अक्सर गाड़ी से यात्रा करते समय टायर कब धोखा दे जाये कहा नही जा सकता। आपके साथ भी ऐसा जरूर हुआ होगा जब यात्रा के दौरान अचानक हमारी गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया हो। ऐसे में हमारी निगाहें पंक्चर लगाने वाले मिस्त्री को तलाशने में लग जाती है। ऐसे क्षणों में अगर कोई महिला आपसे कहे कि वो पंक्चर लगा देगी तो आपका हैरान होना लाजमी है।
जी हां, दिल्ली में रहने वाली शांति देवी भारत की एक मात्र ऐसी महिला है जो मिनटों में गाडिय़ों के टायर दुरुस्त कर देती है। 55 वर्षीय शांति देवी केलिए सिर्फ छोटी गाडिय़ा ही नही बल्कि बड़ी-बड़ी गाडिय़ों के टायर बदलना भी बांयें हाथ का खेल है।
एक महिला होते हुए पंक्चर लगाने का काम करने के कारण सोशल मीडिया पर उनकी जमकर चर्चा हो रही है। इस उम्र में भी शांति देवी रोजाना 12 घंटे काम करती हैं। पिछले 20 वर्र्षों से वे नेशनल हाइवे 4 पर लगे संजय गांधी नगर ट्रांसपोर्ट डिपो पर काम करती हैं।इनका काम देख हर इंसान हैरान रह जाता है। ये महिला बहुत फुर्ती से ट्रक के बड़े-बड़े टायरों को चुटकियों में बदल लेती है। ये महिला प्रतिदिन 10 से 15 टायरों में पंक्चर लगा लेती है। सिर्फ छोटे टायर ही नही बल्कि 50 किलो का टायर भी शांतिदेवी आराम से उठा लेती हैं। कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने भी शांति देवी की तारीफ करते हुए ट्वीट किया था।
हम सब सुनते हैं कि महिलाओं को कौन-कौन से काम करने चाहिए, लेकिन 55 साल की शांति देवी ने उन सभी मिथकों को तोड़ दिया है। और वह ट्रक मैकेनिक के रूप में काम कर रही हैं। लैंगिक भेदभाव को खत्म करने के लिए हमें शांति देवी जैसी और साहसी महिलाओं की जरूरत है। उनका साहस प्रशंसा करने योग्य है।यह भी पढ़ें: यहां महिलाओं के चेहरे पर बनाये जाते थे टैटू, वजह जान चौंक जाएंगे आप आखिर क्यों ये लड़की रोज लगाती है शमशान घाट के चक्कर