रामरी आईलैंड जहां लिखी गई मौत की डरावनी कहानी
आईलैंड कहते ही हमारी आंखों के सामने एक खूबसूरत रूमानी तस्वीर आ जाती है, पर हम जहां की बात कर रहे हैं उससे जुड़ी है खौफ और मौत की दास्तान।
By Molly SethEdited By: Updated: Sat, 16 Dec 2017 01:02 PM (IST)
खौफनाक आईलैंड
म्यामार, बर्मा के तट पर स्थित है रामरी आईलैंड एक बेहद डरावना और रहस्यमयी होने के साथ ही काफी अजीबोगरीब भी है। यहां करीब 1000 जापानी सैनिकों पर मौत ने ऐसा हमला किया था कि उनमें से केवल 20 ही बचकर निकल पाए थे। रामरी आइलैंड से जो सैनिक जान बचा कर बाहर आने में कामयाब रहे थे उनकी खौफनाक आपबीती को सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे। ऐसे ही एक सैनिक स्टेनली राईट ने अपनी किताब में वाइल्डलाइफ स्केचस नियर एंड फार में उस डरावनी घटना को लोगों से साझा किया।
मगरमच्छों का कब्जा
दरसल रामरी आईलैंड पर मगरमच्छों का कब्जा है और वहां जाने वालों को उनका सामना करना पड़ता है। इसके अलावा आइलैंड में नमी के चलते कीचड़ और दलदल बन गया है। जिसकी वजह से वहां खतरनाक मच्छरों और जहरीली मकड़ियों जैसे कीड़ों का भी बोलबाला है। मगरमच्छ से बचे तो आप मच्छरों और मकड़ियों के जहर होने वाले रोगों का शिकार हो जायेंगे। कुल मिला कर वहां से जीवित निकला लगभग नामुमकिन है। यही उन जापानी सैनिकों के साथ हुआ। यही वजह है कि रामरी आइलैंड का नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक ऐसी जगह के रूप में दर्ज है जहां के जानवरों ने इंसानो को सबसे ज्यादा नुकसान पहुचाया है।
क्या थी कहानीपुरानी रिर्पोटस के आधार पर पता चलता है कि 1945 में करीब 1000 जापानी सैनिकों ने मित्र राष्ट्रों की सेना से मुकाबले में हारने के बाद इस आइलैंड पर डेरा डाला था। मित्र सैनिकों के हमले का जापानी सैनिकों ने काफी समय तक मुकाबला किया लेकिन आखिर में वे हारने लगे। इसके बाद बाद उन्होंने आत्मसमर्पण के लिए कहे जाने पर, उसकी उपेक्षा करके रामरी आइलैंड के अंदर वाले हिस्से में जाने का फैसला किया। जहां 20 फिट लंबे और 1 टन से भी भारी मगरमच्छ उनका इंतजार कर रहे थे। जो सैनिक उनसे बचे वे मच्छर और मकड़ी जैसे कीड़ों का शिकार बन गए। नतीजा ये कि करीब 1000 जापानी सैनिकों में से सिर्फ 20 सैनिक ही इस मौत के आइलैंड से जान बचाकर निकल पाए थे।