ये 20 रुपये के नोट का रंग गुलाबी क्यों होता है?
बीस रुपये का नोट आपने खूब देखा भी होगा और बाजार में चलाया भी होगा। कभी उसके रंग पर गौर किया है अच्छा किया होगा हल्का गुलाबी जैसा...है ना...तो बताओ इसका रंग हल्का गुलाबी क्यों होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही नए गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाले 20 रुपए के नोट जारी करने वाला है। भारत की टकसालों और छापेखानें में छपने वाले हर गुणांक के नोट अलग रंग के होते हैं जैसे 5 रुपए का नोट हरा, 10 रुपए का नोट लाल और 20 रुपए का नोट गुलाबी रंग जैसा होता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है की क्यों 20 रुपए के नोट के लिए गुलाबी रंग को ही चुना गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही अपने नए गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाले 20 रुपए के नए नोट जारी करने वाला है। यह नया नोट भी महात्मा गांधी की सीरीज-5000 वाले पुराने नोट जैसा ही होगा, लेकिन इसमें कुछ बदलाव भी किए गए हैं।
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वहीं दूसरी ओर, 20 रुपए के सभी पुराने नोट पहले की तरह चलते रहेंगे। आपको बता दें कि रंगीन करंसी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य देशों में होती हैं। इसके जरिए नोटों की पहचान करना आसान हो जाता है।
इंदिरा गांधी के फैसले से तय हुआ था 20 रुपए के नोट का रंग
मुंबई के रहने वाले दिलीप कांवरे ने यह एक कहानी में बताने की कोशिश की है। जिस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी, उस वक्त उन्होंने आला अधिकारियों और टकसालों के मुखिया के साथ एक बैठक की थी। यह बैठक 20 रुपए के नोट को बाजार में लाने के लिए रखी गई थी।
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव पी डी कासबेकर इस फैसले के गवाह थे। इस बैठक में 20 रुपए के नोट के लिए गुलाबी रंग के मिश्रण का चयन किया गया था। बैठक में कई लोग भारी फाइल्स और नोट के डिजाइन लेकर गए थे ताकि 20 रुपए के नोट के रंग और डिजाइन पर कोई अंतिम फैसला लिया जा सके। उन दिनों में नाइलॉन का काफी क्रेज था और यह स्टेटस सिंबल भी माना जाता था।
उस समय बैंकिंग सेक्टर में संयुक्त सचिव के पद पर कासबेकर थे। उन्होंने बैठक में नाइलॉन की शर्ट पहनी हुई थी। दिलीप कांवरे के पास उस दिन की पूरी बात तो ऑडियो-विजुअल दस्तावेज है जिसमें उन्होंने इसके बारे में विस्तार में बताया था।
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बैठक के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी लगातार कासबेकर की जेब में रखे रंगीन लिफाफे की ओर देख रही थीं। इंदिरा गांधी ने उनसे लिफाफा मांगा और कहा कि मुझे यह रंग और डिजाइन पसंद है। दरअसल, वह लिफाफा एक शादी का निमंत्रण कार्ड था।
इस तरह मीटिंग खत्म हुई और 20 रुपए के नोट के रंग पर फैसला लिया गया था। कासबेकर की जेब में रखा शादी का निमंत्रण कार्ड गुलाबी रंग का था और उसमें भगवा और लाल रंग का मिश्रण भी शामिल था।
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