Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

इन्होंने दंगल में निभाई एक्सपर्ट की भूमिका, बताया अपना अनुभव और 'इनसाइड स्टोरी'

इस परिवार ने देश को तीन-तीन ओलंपियन दिए। इन सबको तैयार किया अपने समय के पहलवान और कोच महावीर फोगट ने।

By ShivamEdited By: Updated: Thu, 29 Dec 2016 11:38 AM (IST)
Hero Image

मनोज जोशी (वरिष्ठ खेल पत्रकार, प्रो-रेस्लिंग लीग (PWL) में सलाहकार और दंगल फिल्म में निभाई एक्सपर्ट की भूमिका)

लम्बे समय से खेलों की कवरेज करते हुए गीता, बबीता के संपर्क में रहा। दोनों बहनें भारतीय कुश्ती का नायाब हीरा साबित हुईं। इनकी एक बहन विनेश कुछ समय बाद इनसे भी आगे निकल गईं। फिर रितु फोगट ने कई अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलों में कमाल दिखाया और उनकी पीडब्ल्यूएल सीज़न-2 में सभी भारतीय महिला खिलाड़ियों में सबसे बड़ी बोली लगी। इसी तरह प्रियंका भी इसी परिवार से अंतरराष्ट्रीय कुश्तियों में उतरीं। अब परिवार की सबसे छोटी बेटी संगीता भी कैडेट वर्ग में एशियाई स्तर पर पदक जीतने लगी हैं। इस परिवार ने देश को तीन-तीन ओलंपियन दिए। इन सबको तैयार किया अपने समय के पहलवान और कोच महावीर फोगट ने।


आमिर खान ने इन्हीं महावीर फोगट की भूमिका को दंगल फिल्म में पर्दे पर उतारा। महावीर फोगट कहते हैं कि फिल्म में मैसेज भी है और कुश्ती के ज़रिये महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात पर भी ज़ोर है। उन्होंने कहा कि वो जैसे हैं, आमिर ने ठीक उसी तरह से उनके चरित्र को पर्दे पर उतारा है। गीता, बबीता और उनका भाई राहुल सभी गीता पर बायोपिक बनने और आमिर खान के रोल से बेहद खुश हैं। बबीता कहती हैं कि फिल्म से पहले हम आमिर को बतौर कलाकार देखते थे लेकिन अब हमें उनमें अपने पिता का अक्स दिखाई देने लगा है। हम उनकी मेहनत के कायल हैं। पिछले दिनों जब गीता की शादी में आमिर शामिल हुए तो महावीर फोगट की इस टिप्पणी पर आमिर अपनी हंसी को रोक नहीं पाए कि महावीर का रोल करना है तो महावीर की तरह खाना खाकर भी दिखाओ।

आमिर खान के साथ मनोज जोशी


खैर मुझे इस फिल्म में कुश्ती एक्सपर्ट का रोल मिला, फिल्म के रेसलिंग कोरयोग्राफर कृपाशंकर ने ही मेरा नाम आमिर खान को सुझाया था। हालांकि पहले मुझे बतौर कमेंटेटर लिया गया था लेकिन बाद में कई दिन के लाइव कवरेज से डेट्स क्लैश होने की वजह से मुझे कमेंट्री छोड़नी पड़ी और मुझे रेसलिंग एक्सपर्ट का रोल ऑफर हुआ, जिसे मैंने हर्ष शर्मा के साथ किया। लम्बे समय से लाइव कवरेज करने का मुझे यह फायदा हुआ कि मुझे ऐसा लगा ही नहीं कि मैं शूटिंग कर रहा हूं जबकि शूटिंग का माहौल मेरे लिए बिल्कुल नया था। ये वही हर्ष शर्मा हैं जिन्होंने बजरंगी भाई जान में नवाजुद्दीन सिद्दकी के बॉस का रोल किया था। उन्होंने ही फिल्म में बतौर कमेंटेटर काम किया।


आमिर शूटिंग के दौरान कृपाशंकर की मेहनत के कायल हो गए थे। कृपाशंकर ने छह महीने से भी ज़्यादा समय तक फिल्मी कलाकारों का कैम्प लगाया और उन्हें कुश्ती की हर बारीकी से अवगत कराया। फातिमा साना शेख से लेकर बाकी महिला कलाकार इस कैम्प में शामिल हुए। जब उन्हें उठाकर गिराया जाता था तो इनमें कई कलाकार तो खुद को लाचार महसूस करने लगी थीं। चेहरे पर मुस्कुराहट लाना उनकी मज़बूरी बन गई थी। फिल्म के हाथ से निकलने के डर से सभी ने अपनी क्षमताओं से ज़्यादा मेहनत की। इसके लिए दिल्ली के मास्टर चंदगीराम अखाड़े से लेकर हरियाणा में कुश्ती का अभ्यास कर रही महिला पहलवानों को भी कैम्प में बुलाया गया था। कुश्ती के बड़े अंक हासिल करने के लिए इन पहलवानों से डुप्लिकेट का भी काम कराया गया। फिर भी शूटिंग के दौरान कोशिश यही की जाती थी कि फातिमा साना कुश्ती के दांव पेंचों का इस्तेमाल खुद करें। इसी प्रयास में जब शूटिंग खत्म होने को थी, उनके पैर में इंजरी हो गई। साना उस घटना को याद करके खूब रोईं। शूटिंग का सारा काम अस्त व्यस्त हो गया था। यहां तारीफ करनी होगी फिल्म के निदेशक नीतेश तिवारी की, जो वास्तव में ऐसे मौके पर मिस्टर कूल साबित हुए। मैंने फिल्म की शूटिंग के दौरान कभी उन्हें गुस्सा करते नहीं देखा। यहां तक कि जब कोई कलाकार उनके मनमाफिक रोल नहीं कर पाता तो वह आकर कलाकार से बात करते, उसे समझाते और उसके बाद ज़्यादातर मौकों पर कलाकार नई संजीदगी के साथ अपने रोल को अंजाम देता। ये वही नीतेश तिवारी हैं जो भूतनाथ रिटर्न और चिल्लर पार्टी जैसी शानदार फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं।

आमिर खान के साथ फिल्म दंगल के सह-कलाकार

करीब हफ्ते भर तक साना सेट पर नहीं उतर पाईं लेकिन जब उतरीं तो उनकी चुस्ती फुर्ती देखने लायक थीं। उनमें एक नई साना दिखाई देने लगी थी। ऐसी साना जिसने फिल्म को अपने दम पर खींचने की ठान ली थी। फिल्म में आमिर के साथ उनके कुछ सीन काफी यादगार बन गए। खासकर आमिर के साथ कुश्ती करते हुए वह अपने एनआईएस कोच को सही साबित करने पर तुल गई थीं। वहां बबीता के डायलॉग ने गीता के भटकते रुख पर सम्बल का काम किया, जिसमें वह कह रही हैं कि उनके पिता पर उम्र का असर था जिससे वह हारे। आमिर ने हरियाणवी उच्चारण पर भी काफी काम किया। हालांकि वह इस क्षेत्र में तनु वेड्स मनु की कंगना रनौत की बराबरी नहीं कर पाए लेकिन शायद आमिर को अपनी लिमिटेशंस पता थीं। इसीलिए उन्होंने अपने डायलॉग कम बोले और ज़्यादा काम अपने एक्सप्रेशन से चलाया। उनका 37 किलो वजन कम करना और बढ़ाना सचमुच अदभुद है। इसलिए उनकी एक्टिंग कला को देखने और कलाकार के अंदर गुम हो जाने को देखते हुए यही कहना सही होगा कि वह वाकई मिस्टर परफैक्शनिस्ट हैं और इसी शताब्दी के टॉप कलाकारों में उनका हमेशा शुमार होगा।

गीता फोगट, महावीर फोगट और बबीता फोगट


इन दिनों फिल्म में कुछ काल्पनिक बातों को बेवजह तूल दिया जा रहा है। सच तो यह है कि भाग मिल्खा भाग या पान सिंह तोमर जैसी खिलाड़ियों पर बनीं फिल्मों से कहीं कम कल्पना का पुट इस फिल्म में है। फिर फिल्म को आकर्षक बनाने के लिए रोचक बातों का इस्तेमाल होना स्वाभाविक है। फिर ये बात क्यों चर्चा में आई, शायद यह बाल की खाल निकालने जैसी बात है। सच केवल इतना है कि यह एक सोशल इश्यू पर बनी फिल्म है जिसमें लड़कियों की कुश्ती कला के माध्यम से एक व्यक्ति के सपना पूरा होने का ताना बाना बुना गया है। ऐसी फिल्में ही समाज को दिशा दे सकती हैं। इसके लिए आमिर और उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र हैं।

खेल जगत की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

क्रिकेट से जुड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें