गिट्टी से रोक हटे तो काम बढ़े आगे
राज्य सरकार ने राजमार्ग व अन्य जिला मागरें को 15 अक्टूबर तक गढ्ढा मुक्त करने की हिदायत जरूर दे रखी है लेकिन सोनभद्र की डाला गिट्टी पर लगी रोक इस काम में सबसे बड़ी रोड़ा साबित हो रही है। ऐसे में पूर्वाचल के वाराणसी जिले की तकरीबन 100 किमी सड़कों को गढ्ढा मुक्त बनाने का अभियान आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
वाराणसी। राज्य सरकार ने राजमार्ग व अन्य जिला मार्गो को 15 अक्टूबर तक गढ्ढा मुक्त करने की हिदायत जरूर दे रखी है, लेकिन सोनभद्र की डाला गिट्टी पर लगी रोक इस काम में सबसे बड़ी रोड़ा साबित हो रही है। ऐसे में पूर्वाचल के वाराणसी जिले की तकरीबन 100 किमी सड़कों को गढ्ढा मुक्त बनाने का अभियान आगे नहीं बढ़ पा रहा है। 30 लाख रुपये उपलब्ध होने के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इन अफसरों का मानना है कि डाला गिंट्टी पर रोक के चलते कबरई (झासी) से गिंट्टी मंगाने पर उसकी लागत दोगुना बढ़ जाएगी। इस बढ़ी लागत को आखिर वे कहा से समायोजित करेंगे। यह सवाल खस्ताहाल सड़कों की पुरसाहाली में जहा बाधक बना है वहीं विभाग के अफसर चाहकर भी कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं।
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता हरेंद्र नाथ पाण्डेय का कहना है कि गिंट्टी पर लगी रोक हटे तभी सड़कें गढ्ढा मुक्त बन पाएंगी। हालाकि शासन से अभी तक करबई से गिंट्टी मंगाने की अनुमति नहीं मिली है। हफ्तेभर के भीतर डाला गिंट्टी से रोक हटने की बात की जा रही है लेकिन अभी तक इस बाबत कोई दिशा-निर्देश न मिलने की वजह से सड़कों को गढ्ढा मुक्त बनाने का काम अटका पड़ा है। बताया कि शासन से राज्य सड़क योजना में तकरीबन 48 किमी व अन्य जिला योजना में करीब 52 किमी सड़क को गढ्ढा मुक्त बनाने के लिए 30 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।