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Bihar MLA: बिहार के कांग्रेस विधायक पर वारंट, नई सरकार में मंत्री बनने की दौड़ में हैं अजीत शर्मा

बिहार समाचार बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में बनी नई सरकार में भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा के मंत्री बनने की चर्चा है। लेकिन इससे पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता के केस में कांग्रेस विधान मंडल के नेता अजीत शर्मा पर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दी है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Updated: Sat, 13 Aug 2022 07:38 AM (IST)
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बिहार समाचार : एमपी-एमएलए कोर्ट ने अजीत शर्मा के अनुपस्थित रहने पर रद करते हुए जारी किया गैर जमानती वारंट।
कौशल किशोर मिश्रा, भागलपुर। बिहार समाचार : आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्‍लंघन से जुड़े 2009 के पीरपैंती थाने में दर्ज एक मुकदमे में लगातार अनुपस्थित रहने पर कांग्रेस विधानमंडल के नेता अजीत शर्मा के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है। प्रबल दत्ता की एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक शर्मा के वकील की तरफ से कोर्ट में दाखिल बंधपत्र को रद करते हुए उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

विशेष न्यायाधीश ने माना है कि उक्त केस का रिकार्ड निर्णय बिंदु पर शर्मा की उपस्थिति नहीं होने के कारण लंबित है। उनके अनुपस्थित रहने के कारण निर्णय पारित नहीं हो पा रहा है। विधायक शर्मा बिहार में मंत्रिमंडल गठन में कांग्रेस की सत्ता में भागीदारी को लेकर इनदिनों पटना में हैं। उन्होंने अपने बयान में खुद को इस मामले में निर्दोष बताया है।

यहां बता दें कि भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद जदयू नेता नीतीश कुमार ने राजद व कांग्रेस के साथ मिलकर बिहार में सरकार बना ली है। इस सरकार में भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा के मंत्री बनने की संभावना है। इसके पूर्व एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके विरुद्ध वारंट जारी कर दिया है। 

सात मार्च 2009 को पीरपैंती थाने में तत्कालीन अंचल निरीक्षक ने दर्ज कराया था केस

बहुजन समाज पार्टी से 2009 में हुए चुनाव में भाग्य आजमाने वाले अजीत शर्मा के विरुद्ध पीरपैंती के टोपरा क्षेत्र में कपड़े का बैनर सरकारी पोल में लगा देखा गया था। क्षेत्र का मुआयना करने निकले तत्कालीन अंचल निरीक्षक उपेन्द्र रजक ने बैनर जब्त किया था। बैनर में बहुजन समाज पार्टी के घोषित प्रत्याशी अजीत शर्मा की तस्वीर लगी थी। उन्होंने आसपास के अन्य लोगों से पूछताछ बाद पीरपैंती थाने में शर्मा के विरुद्ध आदर्श चुनाव आचार संहिता का केस दर्ज कराया था। दर्ज केस में पुलिस की तफ्तीश बाद उनके विरुद्ध लगे आरोप को सत्य पाते हुए पुलिस ने 17 मई 2009 में आरोपपत्र दाखिल किया था।

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