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ठंड की मीठी धूप में सैलानियों को अपनी ओर खींच रहा बोकारो सिटी पार्क, अंदर की खूबसूरती मोह लेगा मन

बोकारो स्‍टील सिटी के सिटी पार्क के अंदर 300 तरह के गुलाब के 3200 पौधे हैं। यहां कई तरह के पेड़ भी हैं। अगल से पिकनिक स्‍पाट भी बनाया गया है। साथ में शौचालय और पेयजल की भी व्‍यवस्‍था है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 22 Dec 2022 03:16 PM (IST)
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सैलानियों को आकर्षित करते क्यारियों में लगे रंग-बिरंगे फूल

राममूर्ति प्रसाद, बोकारो। बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ओर से नगर के सेक्टर तीन में 1970-71 में सिटी पार्क का निर्माण कराया गया था। यहां बाग-बगीचे, फूलों की क्यारियां, मानव निर्मित झील व द्वीप के अलावा पार्क का प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लेते हैं। सिटी पार्क यहां आने वाले सैलानियों को लुभाता है। पेड़-पौधे के बीच यहां की हरियाली देखते ही बनती है। यहां प्रकृति के अप्रतिम सौंदर्य का दर्शन होता है। प्रकृति की गोद में लोगों को ताजगी का अहसास होता है। यहां लोग व्यायाम करने के लिए भी आते हैं।

रोज गार्डेन में 3200 गुलाब के पौधे

बोकारो स्टील सिटी का सिटी पार्क लगभग 145 एकड़ में फैला है। इसमें से 58 एकड़ भूमि पर पार्क है। शेष 87 एकड़ भूमि को पिकनिक स्थल के रुप में विकसित किया गया है। पार्क में लगभग तीस हजार पेड़-पौधे हैं। इनमें 15 हजार पेड़ केवल टीक के हैं। पार्क के रोज गार्डेन में 300 विभिन्न प्रकार के लगभग 3200 गुलाब के पौधे हैं।

इसके अलावा पार्क में टेरेस गार्डेन हैं। इसमें गुलदाउदी, डहलिया, गेंदा के अलावा विभिन्न प्रकार के फूल लगाए गए हैं। रंग-बिरंगे फूल पार्क की सुंदरता बढ़ा देते हैं। रोज गार्डेन लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है। गुलाब की खूशबू पूरे पार्क में फैली रहती है। यहां नर्सरी भी है, जहां विविध प्रकार के पौधे उगाए जाते हैं।

पिकनिक स्थल किया गया विकसित

सिटी पार्क के उत्तरी छोर को पिकनिक स्थल के रुप में विकसित किया गया है। यहां आम के अलावा अन्य पेड़ भी लगाए गए हैं। यह इलाका वन के रुप में नजर आता है। प्रबंधन की ओर से यहां पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। शौचालय का भी निर्माण कराया गया है। पिकनिक स्थल के बीचों-बीच पानी का फव्वारा भी बनाया गया है। यहां लोग पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। यहां जिला प्रशासन की ओर से ओपन जिम की भी व्यवस्था की गई है।

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भारत माता के वीर सपूतों की याद दिलाता शहीद गार्डेन

सिटी पार्क में शहीद गार्डेन का बनाया गया है। यह भारत माता के वीर सपूतों के बलिदान की याद दिलाता है। लोग अपने बच्चों के साथ शहीद गार्डेन आते हैं और उन्हें देश के वीर जवानों के बारे में बताते हैं। 26 जनवरी व 15 अगस्त के अलावा विजय दिवस व अन्य मौके पर यहां कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। लोग देश के वीर सपूतों के जज्बे को सलाम करते हैं।

पर्यावरण संरक्षण का संदेश

सिटी पार्क में 12 एकड़ भूमि पर झील बनाया गया है। झील में टापू भी बनाए गए हैं। इस पर पेड़-पौधे व फूल लगाए गए हैं। टापू फिल्म व एलबम की शूटिंग स्थल के रुप में भी जाना जाता है। यहां कई फिल्म व एलबम की शूटिंग की गई है। झील के किनारे एक रेस्तरां भी है। विविध प्रकार के पेड़-पौधे लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं।

अखाड़ा में कौशल का प्रदर्शन करते पहलवान

सिटी पार्क में अखाड़ा भी है। यहां युवा पहलवान हर दिन प्रशिक्षण हासिल करते हैं। कई पहलवानों ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सफलता का परचम लहराया है।

बच्चे रेलगाड़ी व चलंत कुर्सी की सवारी का उठाते थे लुत्फ

सिटी पार्क में अस्सी के दशक में ट्वाय ट्रेन चलती थी। दस पैसे का टिकट लेकर बच्चे इसकी सवारी करते थे। छुक-छुक कर चलती रेलगाड़ी बच्चों के खुशियों को दुगुना कर देती थी। मजार के समीप चलंत कुर्सी बनाई गई थी। बच्चे पांच पैसे का टिकट लेकर इसकी सवारी करते थे। लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। ट्वाय ट्रेन अब जैविक उद्यान में चलती है।

लगाया जाता था बसंत मेला

बीएसएल प्रबंधन की ओर से सिटी पार्क में फरवरी माह में बसंत मेला लगाया जाता था। मेला के उत्तरी छोर पर बीएसएल संचार, शिक्षा, उद्यान, चिकित्सा, क्रीड़ा एवं नागरिक सुविधाएं, कोक अवन, ब्लास्ट फर्नेस आदि विभाग का स्टाल लगाया जाता था। यहां विभिन्न तरह के झूले भी लगाए जाते थे। दो दिन तक लोग मेला घूमते थे।

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