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कचरा कलेक्शन के बिल में कटौती के कारणों की होगी जांच

धनबाद इसी वर्ष जुलाई माह में नगर निगम ने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर रही सफाई एजेंस

By JagranEdited By: Updated: Thu, 12 Nov 2020 05:54 PM (IST)
कचरा कलेक्शन के बिल में कटौती के कारणों की होगी जांच
कचरा कलेक्शन के बिल में कटौती के कारणों की होगी जांच

धनबाद : इसी वर्ष जुलाई माह में नगर निगम ने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर रही सफाई एजेंसी रैमकी के बिल में भारी कटौती की थी। तत्कालीन नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप ने रैमकी के दिए बिल दो करोड़ 70 लाख में 62 फीसद की कटौती करते हुए 96 लाख का भुगतान किया था। एजेंसी की शिकायत पर नगर विकास विभाग की पांच सदस्यीय कमेटी शुक्रवार को जांच करने पहुंच रही है। संयुक्त सचिव मनोहर मरांडी के नेतृत्व में यह टीम पता लगाएगी की किस कारण से कटौती की गई।

दरअसल कचरा कलेक्शन करने वाली एजेंसी ने मासिक बिल भुगतान के लिए नगर निगम को हर महीने का लगभग दो करोड़ 70 लाख का बिल बना कर भेजा। नगर निगम ने इसमें कटौती करते हुए 96 लाख का भुगतान किया। निगम ने तर्क दिया कि कचरा कम उठा और बिल अधिक दे दिया। इस आधार पर 60 फीसद की कटौती करते हुए सिर्फ 40 फीसद का भुगतान किया। एजेंसी ने निगम के इस कदम को चुनौती दी और मामले को 26 जून को नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे की अध्यक्षता में हुई धनबाद सॉलिड वेस्ट प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में रख दिया। बैठक में रैमकी ने अपना पक्ष रखा कि नगर निगम ने जुलाई 2019 से लेकर दिसंबर 2019 के बीच एजेंसी के बिल में एक करोड़ पाच लाख 36 हजार की कटौती की। यह कुल बिल का 25 फीसद था। इसी तरह जनवरी-फरवरी के बिल में 60 फीसद की कटौती कर दी। हालाकि निगम ने कहा कि कम कचरा उठा है और बिल अधिक बनाया गया है। इस पर सचिव विनय कुमार चौबे ने वास्तविक स्थिति की जांच करने का निर्देश दे दिया। सचिव ने बाकायदा अर्बन डेवलपमेंट और हाउसिग डिपार्टमेंट की एक संयुक्त कमेटी गठित कर जांच करने का जिम्मा सौंपा है। टीम वास्तविक कटौती और कचरे की स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट सचिव को सौंपेगी। इसके बाद आगे ठोस निर्णय लिया जाएगा।

प्रतिटन कचरा उठाव व निष्पादन पर दो हजार का भुगतान

निगम और रैमकी के बीच जो करार हुआ है, उसके अनुसार रैमकी कंपनी को प्रतिटन कचरे के उठाव और उसके निष्पादन के एवज में 2000 रुपये का भुगतान करना है। निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 400 टन कचरा निकलता है। इसमें 250 से 300 टन कचरा घरों से निकलता है। शेष कचरा दुकान और होटलों से सड़क पर आता है। रैमकी को घर के साथ दुकानों-होटलों का भी कचरा उठा निष्पादन करना है। लॉकडाउन के समय एजेंसी का कहना था कि प्रतिदिन लगभग 300 टन कचरा निकल रहा है, जबकि नगर निगम का कहना था कि 100 से 125 टन ही कचरा निकल रहा है। फिलहाल इस समय लगभग 300 टन हर दिन कचरा निकल रहा है।

तत्कालीन नगर आयुक्त ने कचरा डंप करने पर लगा दी थी रोक

धनबाद नगर निगम और रैमकी एजेंसी का विवाद सिर्फ बिल कटौती तक ही सीमित नहीं रह गया था। गाहे-बगाहे दोनों आमने सामने आ ही जा रहे थे। जून-जुलाई माह में तीन बार नगर निगम ने रैमकी का कचरा कंपैक्टर स्टेशन पर नहीं गिरने दिया। निगम ने यही हवाला दिया कि आपत्तिजनक कचरे का उठाव हो रहा था। पूर्व नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप ने तो विभागीय सचिव को पत्र लिखकर एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा भी कर दी थी। तर्क दिया कि एजेंसी ने कचरा वजन का जो विपत्र जमा किया है वह नगर निगम की जांच में सही नहीं पाया गया है। एजेंसी ने मई-जून का औसतन वजन का बिल दिया है, जबकि इकरारनामा में औसतन वजन के आधार पर बिल भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है।