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e-RUPI : आखिर क्या होता है ई रूपी, जानिए कैसे काम करता है यह डिजिटल करेंसी

Digital Currency देश ही नहीं दुनिया में डिजिटल क्रांति का दौर चल रहा है। भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जल्द ही डिजिटल करेंसी ला रहा है जिसका नाम है ई रूपी। इंटरनेट कनेक्शन के बिना आप किसी के खाते में पैसे भेज सकते हैं। यह कांटेक्टलेस डिलीवरी होगी...

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Sun, 20 Feb 2022 04:10 PM (IST)
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e-RUPI : आखिर क्या होता है ई रूपी, जानिए कैसे काम करता है यह डिजिटल करेंसी

जमशेदपुर, जासं। ई-रुपी का उपयोग निजी कंपनियों और अन्य ग्राहकों के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि बड़े मूल्य के कारपोरेट गिफ्ट, ट्रांजिट/पेरोल/स्टूडेंट कार्ड, विदेशी मुद्रा, टैवेल कार्ड। आदि। यह घोषणा केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभ का बेहतर वितरण सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

लाभार्थी बिना बैंक खाता और बिना इंटरनेट कनेक्शन के फीचर फोन पर बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी ई-रुपी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा इसकी डिलीवरी भी कांटेक्टलेस या संपर्क रहित होगी।

वित्त विशेषज्ञ अनिल कुमार गुप्ता बताते हैं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने ई-रुपी की अधिकतम राशि को वर्तमान में 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। इन वाउचर का उपयोग तब तक एक से अधिक बार किया जा सकता है, जब तक कि राशि पूरी तरह से खर्च न हो जाए।

इसके दूसरे फायदे भी कम नहीं

अनिल कुमार गुप्ता के अनुसार, ई-रुपी के विस्तार में गिफ्ट कार्ड से संबंधित कुछ क्षेत्रों में प्रवेश करने की भी क्षमता है। प्रस्तावित डिजिटल रुपया और ई-रुपी के बीच एक लिंक हो सकता है। इसका उपयोग निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) द्वारा कर्मचारी लाभ देने के लिए और व्यापार-से-व्यापार लेनदेन या बीटूबी ट्रांजैक्शन की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए भी किया जा सकता है।

कैसा होगा ई-रुपी का स्वरूप

ई-रुपी मूल रूप से एक डिजिटल वाउचर है, जो एक लाभार्थी को उसके मोबाइल फोन पर एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में मिलता है। यह एक प्रीपेड वाउचर है, जिसे वह आगे जाकर स्वीकार करने वाले किसी भी सेंटर पर भुना सकता है।

उदाहरण के लिए, यदि सरकार किसी विशिष्ट अस्पताल में किसी कर्मचारी के विशेष उपचार को कवर करना चाहती है, तो वह संबंधित बैंक के माध्यम से निर्धारित राशि के लिए ई-रुपी वाउचर से भुगतान कर सकता है। कर्मचारी को उसके फोन या स्मार्टफोन पर एक एसएमएस या एक क्यूआर कोड आएगा। वह निर्दिष्ट अस्पताल में जा सकता है, सेवाओं का लाभ उठा सकता है और अपने फोन पर प्राप्त ई-रुपी वाउचर के माध्यम से भुगतान कर सकता है।

कांटैक्टलेस कैशलेस ट्रांजेक्शन होगा

यह कांटैक्ट लेस कैशलेस वाउचर-आधारित भुगतान का तरीका है जो व्यक्तियों को कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना ई-रुपी वाउचर भुनाने या खर्च करने में मदद करता है। यह एक डिजिटल प्रीपेड वाउचर के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो किसी दिए गए लेनदेन के उद्देश्य और व्यक्ति (व्यक्तियों) को लक्षित करता है।

ई-रुपी कल्याणकारी योजनाओं में चोरी को रोकने, देरी को कम करने और लाभार्थियों तक पहुंच में आसानी प्रदान करने का वादा करता है। क्यूआर कोड के माध्यम से काम करने के अलावा यह एसएमएस-आधारित स्ट्रिंग्स के माध्यम से लेनदेन की पेशकश भी करता है, स्मार्टफोन या लाभार्थियों के लिए बैंक खाता रखने की आवश्यकता को समाप्त करता है।

ई-रुपी के अन्य लाभ

ई-रुपी के लिए लाभार्थी के पास बैंक खाता होना आवश्यक नहीं है, जो अन्य डिजिटल भुगतान रूपों की तुलना में एक प्रमुख विशिष्ट विशेषता है। यह एक आसान, संपर्क रहित दो-चरणीय भुगतान प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, जिसमें व्यक्तिगत विवरण साझा करने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

एक अन्य लाभ यह है कि ई-रुपी बेसिक फोन पर भी संचालित होता है। इसलिए इसका उपयोग उन लोगों द्वारा भी किया जा सकता है, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है या उन जगहों पर जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं है।

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