पूर्व राज्यसभा सदस्य संजीव कुमार ने झामुमो से दिया इस्तीफा, शिबू सोरेन के मुकदमों की पैरवी की थी
Jharkhand. संजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता हैं। संजीव कुमार ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन पर हुए सभी मुकदमे की पैरवी की है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Fri, 14 Feb 2020 05:30 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड मुक्ति मोर्चा से राज्यसभा का सदस्य रहे संजीव कुमार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को भेजे गए पत्र में उन्होंने निजी व्यस्तता को इस्तीफे का कारण बताया है। उन्होंने कहा है कि संगठन ने उन्हें काफी महत्व दिया है। इस बाबत पूछे जाने पर संजीव कुमार ने कहा कि उनके ऊपर शिबू सोरेन के खिलाफ विभिन्न अदालतों में चल रहे मुकदमे की पैरवी की जिम्मेदारी थी।
कई वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि शिबू सोरेन तमाम मुकदमे में अदालत द्वारा बरी किए जा चुके हैैं। अब उनके खिलाफ किसी अदालत में कोई मामला नहीं है। ऐसे में अब वे अपने कामकाज पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहते हैैं। इन परिस्थितियों के मद्देनजर उन्होंने झामुमो की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है।महाधिवक्ता की नियुक्ति से जोड़कर देखा जा रहा इस्तीफा
पूर्व राज्यसभा सदस्य संजीव कुमार के झामुमो से इस्तीफे को राज्य में नए महाधिवक्ता की नियुक्ति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। शिबू सोरेन संजीव कुमार को कई दशक तक सार्वजनिक तौर पर अपना दत्तक पुत्र बताते रहे हैं। शशिनाथ झा हत्याकांड समेत शिबू सोरेन पर दर्ज सारे मुकदमे उच्चतम न्यायालय तक संजीव कुमार ही लड़ते रहे हैं। संजीव उच्चतम न्यायालय में अधिवक्ता हैं। इस्तीफा पत्र में संजीव कुमार ने निजी कारणों से झामुमो छोडऩे की बात कही है।
झारखंड में राजीव रंजन को महाधिवक्ता बनाए जाने के महज दो दिन बाद संजीव कुमार के इस्तीफा से झामुमो के भीतर खलबली मच गई है। टुंडी में मनियाडीह के रहने वाले संजीव कुमार के इस्तीफा को नए महाधिवक्ता बनाए जाने से जोड़ कर देखा जा रहा है। दिल्ली से दूरभाष पर संजीव कुमार बोले कि उन्होंने झामुमो छोड़ा है, झारखंड नहीं। फिलहाल अपना ध्यान वकालत पर लगाने का है। बाद में सोचा जाएगा। बता दें कि संजीव कुमार टुंडी थाना के मनियाडीह गांव के रहने वाले हैं।
टुंडी के महाजनी आंदोलन में संजीव के परिवार का बना था शिबू से रिश्ताशिबू सोरेन ने टुंडी में महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन चलाया था। इसमें जमींदारों की जमीन छीनी गई थी। उसी दौरान मनियाडीह में रहने वाला संजीव कुमार के परिवार से शिबू सोरेन का रिश्ता बना था। संजीव की तालीम में शिबू सोरेन ने सहयोग किया था। संजीव के दादा जी से लेकर उनके भाई मुरुलीधर दां और अधिवक्ता विदेश दां भी झामुमो से जुड़े रहे हैं।
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