धर्म परिवर्तन कराने का खेल चल रहा है धुरकी के खाला गांव
लोभ लालच देकर गरीबों से धर्म परिवर्तन करा रहे हैं एजेंट आदिम जनजाति कोरवा समाज में है आक्रो
By JagranEdited By: Updated: Mon, 01 Feb 2021 07:03 PM (IST)
लोभ, लालच देकर गरीबों से धर्म परिवर्तन करा रहे हैं एजेंट
आदिम जनजाति कोरवा समाज में है आक्रोश, बहिष्कार का लिया है निर्णय संवाद सूत्र, श्री बंशीधर नगर (गढ़वा): धुरकी प्रखंड के खाला गांव में एक धर्म विशेष के एजेंटों द्वारा लोभ, लालच, दबाव व बहला-फुसला कर धर्म परिवर्तन कराकर गरीबों को ईसाई बनाने का घिनौना खेल खेला जा रहा है। सूचना के अनुसार अभी तक गांव के करीब दो दर्जन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व आदिम जनजाति परिवार के लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म अपना लिया है। इसे लेकर ग्रामीणों के बीच आक्रोश व्याप्त है। 22 जनवरी को विलुप्त प्राय आदिम जनजाति कोरवा समाज की गांव में एक बैठक हुई थी। इसमें धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनने वाले तीन कोरवा परिवार को समाज से निष्कासित करते हुए बहिष्कृत कर दिया गया। साथ ही अपना हिदू धर्म छोड़ ईसाई बनने वाले परिवारों से संबंध रखने वालों के लिए आर्थिक व शारीरिक दोनों तरह का कठोर दंड की सजा देने की बात कही गई थी। निर्धारित दंड के अनुसार धर्म परिवर्तित करने वाले परिवार के यहां शादी-विवाह, जन्म-मरण व अन्य सामाजिक कार्यों में समुदाय के किसी भी व्यक्ति को भाग लेने पर 25,051 रुपये आर्थिक व 51 लाठी शारीरिक दंड तय किया गया है। ग्रामीणों की माने तो पिछले कई माह से ईसाई धर्म के एजेंटों द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व आदिम जनजाति परिवार के लोगों को बहला व फुसला, लोभ-लालच देकर तथा नहीं मानने पर दबाव व धमकी देकर हिदू धर्म को छोड़ ईसाई धर्म अपनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। बताया जाता है कि सबसे पहले अनुसूचित जाति के एक परिवार को धर्म परिवर्तन कराकर एजेंटों ने ईसाई बनाया था। इसके बाद अनुसूचित जाति के कई परिवारों से धर्म परिवर्तन कराया गया। एक अनुसूचित जाति परिवार के चार भाइयों ने लोभ लालच व बहकावे में आकर अपना धर्म छोड़ ईसाई धर्म कबूल किया। जबकि पांचवां भाई ईसाई बनने पर राजी नहीं हुआ तो उस पर धर्म परिवर्तन करने व कराने वालों द्वारा हिदू धर्म छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कैसे हुआ मामले का खुलासा: आदिम जनजाति कोरवा समाज के नान्हू कोरवा, सुकेंद्र कोरवा व झरी कोरवा ने अपना धर्म छोड़ जब ईसाई धर्म अपना लिया तब इसकी चर्चा गांव में होने लगी। इसकी जानकारी मिलते ही कोरवा समाज की गत 22 जनवरी को बैठक हुई। इसमें धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवार के सदस्यों को बुलाया गया। भरी सभा में लोगों ने कहा कि हमसब ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपनाया है। अब ईसाई धर्म का ही प्रचार-प्रसार करेंगे। समाज की बात नहीं मानने पर पंचायत में उपस्थित पंचों ने इन्हें बहिष्कृत करते हुए इनसे संबंध रखने वालों के लिए आर्थिक व शारीरिक दोनों तरह की सजा का निर्णय लिया। इसके बाद भी इस गांव में धर्मातरण का खेल जारी है।
-------- - क्या कहते हैं अनुमंडल पदाधिकारी
इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी जयवर्धन कुमार ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी को खाला गांव में भेजा गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी का जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद मामला यदि गंभीर होगा तो मैं स्वयं गांव में जाकर मामले की जांच करुंगा तथा इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करूंगा। साथ ही वरीय पदाधिकारियों को भी कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा जाएगा।
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