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Industrial Growth in Bihar: बिहार के तीन लाख से अधिक उद्यमियों को मिली उड़ान, जानिए आप भी कैसे ले सकते हैं लाभ

Industrial Growth in Bihar बिहार के तीन लाख से अधिक उद्यमियों को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के पोर्टल से सफलता की उड़ान मिली है। कोई भी पात्र व्‍यक्ति इसपर पंजीयन करा कर कोई भी योजना का लाभ ले सकता है।

By Amit AlokEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 03:21 PM (IST)
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बढ़ता बिहार, उद्यम विहार : बिहार के तीन लाख से अधिक उद्यमियों को मिली उड़ान।
पटना, जागरण संवाददाता। Industrial Growth in Bihar: सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय के पोर्टल पर अब तक बिहार  के तीन लाख 41 हजार 36 उद्यमियों ने पंजीयन कराया है। सभी उद्यमियों की  उद्यमिता एवं कौशल विकास के लिए मंत्रालय की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हें प्रशिक्षण देने से लेकर प्रोजेक्ट बनवाने तक मदद की जाती है। मंत्रालय के इस पोर्टल पर देशभर में पंजीयन कराने वालों की संख्या 87 लाख 45 हजार 850 है। इसका लाभ हर पात्र व्‍यक्ति ले सकता है।

उद्यम पोर्टल पर पंजीयन

किसी भी उद्यमी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की योजनाओं को लाभ लेने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले उद्यम पोर्टल पर पंजीयन कराए। उसके बाद प्रोजेक्ट पर मंत्रालय विचार करता है। इसके लिए जरूरत पडऩे पर उद्यमी को प्रशिक्षण देने से लेकर प्रोजेक्ट बनाने तक में मदद की जाती है।

मंत्रालय चलाता है जागरूकता कार्यक्रम

मंत्रालय की ओर से देशभर में उद्यमी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। मुख्य रूप से इंजीनियरिंग कालेजों, प्रबंधन संस्थान, औद्योगिक संगठनों के माध्यम से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय निरंतर जागरूकता शिविर का आयोजन करता है। अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए यह अभियान कोरोना काल के बाद काफी तेज कर दिया गया है। आठवीं पास एवं 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी युवा मंत्रालय की योजनाओं का लाभ उठा सकता है। उद्यमी को पंजीयन के लिए आधार कार्ड एवं पैन नंबर होना चाहिए।

मंत्रालय ने राज्य में बनाया है होस्ट इंस्टीट्यूट  

एमएसएमई की ओर से राज्य में कई होस्ट इंस्टीट्यूट बनाए गए हैं। इनमें आइआइटी पटना सहित कई इंजीनियरिंग एवं पालिटेक्निक कालेज शामिल हैं। इन कालेजों के छात्र-छात्राओं को समय-समय पर मंत्रालयों के नए-नए प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी जाती है। इन संस्थानों को इंक्यूबेशन स्कीम के माध्यम से जोड़ा गया है। इन संस्थानों से चुने जाने वाले प्रोजेक्ट पर मंत्रालयों की ओर से प्रति प्रोजेक्ट होस्ट इंस्टीट्यूट को 15 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है। इन संस्थानों से आने वाले अधिकांश प्रोजेक्ट आइडिया आधारित होते हैं। खासकर युवा इसकी ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।

बाजार आधारित प्रोजेक्ट को प्राथमिकता

मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट बाजार आधारित होना चाहिए। जिस उत्पाद की बाजार में ज्यादा मांग होती है, उसका भविष्य हमेशा उज्ज्वल होता है। मंत्रालय ऐसे उद्यमों को प्राथमिकता देता है। ऐसे प्रोजेक्ट बनाने के लिए मंत्रालय की ओर से उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाता है।

कौशल विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम

एमएसएमई की ओर से युवा उद्यमियों की उद्यमिता एवं कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। उद्यमिता विकास के लिए मंत्रालय की ओर से 10 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दौरान उद्यमी को प्रोजेक्ट बनाने, उसके संचालन, प्रबंधन, उद्योग स्थापित करने की जानकारी दी जाती है। इसके अलावा उद्यमिता एवं कौशल विकास का 20 दिनों का प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की गई है। इसमें टैली एवं गारमेंट निर्माण सहित कई उद्योगों के विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।

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