Firozabad: बचपन की दोस्ती का अंत, कैंसर से एक ने तोड़ा दम, तो दूसरा जलती चिता में कूदा, स्कूल से साथ थे दोनों
Firozabad News In Hindi दोस्तों की मृत्यु से दोनों गांव में शोक। अशोक के दो और गौरव के हैं छह बच्चे। रात में हुआ दूसरे दोस्त का अंतिम संस्कार। पूरे गांव में नहीं जले चूल्हे। दोनों की दोस्ती प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई थी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 28 May 2023 07:58 AM (IST)
फिरोजाबाद, जागरण संवाददाता। अशोक और गौरव की मौत के बाद दोनों के गांवों में शोक का माहौल रहा। कोई उनकी दोस्ती की तो कोई दोस्त के गम में गौरव के प्राणघातक कदम की चर्चा कर रहा था। कुछ ग्रामीणों का कहना था यदि किसी को थोड़ा सा भी अंदाजा होता तो वे गौरव को चिता के पास छोड़कर नहीं आते। जिगरी दोस्त अशोक की मौत की जानकारी होते ही आनंद गौरव काे सदमा बैठ गया था। वह ग्रामीणों के लौटने के बाद भी चिता के पास ही काफी देर बैठा रहा। इसके बाद उसने अपने दोस्त के साथ ही दुनिया से जाने की ठान ली। हुआ भी यही।
बचाने के सारे प्रयास हुए नाकाम
ग्रामीण और स्वजन द्वारा उसे बचाने के सारे प्रयास विफल साबित हुए। रात को गांव में ही गौरव का भी अंतिम संस्कार कर दिया गया। एक दूसरे से सटे दोस्तों के गांवों में इस घटना को लेकर शोक छा गया। कई घरों में चूल्हे नहीं जले। ग्रामीणों ने बताया कि अशोक के मुंह में कैंसर हो गया था। वह तीन वर्ष से इस बीमारी से परेशान था। उसके दो बेटे हैं। वहीं गौरव के पांच बेटी और एक बेटा है। एक बेटी की शादी हो चुकी है।
गौरव से थी गहरी दोस्ती
गांव मढ़ैया नदिया निवासी युवक अशोक कुमार की पड़ोसी गांव गढ़िया पंचवटी में रहने वाले गौरव से गहरी दोस्ती थी। दोनों की मुलाकात स्कूल में प्राथमिक शिक्षा के दौरान हुई थी। अशोक कई महीनों से बीमार था। चिकित्सक ने उसे कैंसर बताया था। शनिवार की सुबह छह बजे अशोक की मौत हो गई तो गौरव भी दाैड़कर उसके घर पहुंचा। दोस्त का शव देखकर वह फूट-फूटकर रोने लगा। दोपहर में अशोक के शव का अंतिम संस्कार रुरिया स्वरूपपुर गांव में यमुना किनारे किया गया।चिता को जलता छोड़कर निकल आए थे ग्रामीण
अधिकांश लोग जलती चिता छोड़कर लौट रहे थे, लेकिन गौरव वहीं बैठा रह गया। तीन चार युवक नदी में नहा रहे थे। इसी बीच गौरव ने चिता में छलांग दी। नहा रहे युवकों ने ये देखा तो चीखपुकार मच गई। उन्होंने गौरव को बाहर निकालने का प्रयास किया। शोर सुनकर अन्य लोग भी आ गए। गौरव को जब तक चिता से निकाला गया। तब तक वह 80 प्रतिशत जल चुका था। स्वजन उसे सरकारी ट्रामा सेंटर ले गए। वहां से उसे आगरा रेफर कर दिया, लेकिन आगरा पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
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