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Independence Day 2021: जम्मू-कश्मीर में जंगल राज 2020 की पूर्व संध्या पर समाप्त हुआ : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अशोक चक्र कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र सहित 257 वीरता पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने कहा- मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के सभी वीर नायकों को सलाम करता हूं।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Sun, 15 Aug 2021 12:06 PM (IST)
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हिंसा मुक्त जिला विकास परिषद के चुनावों से केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर के लोकतंत्र को मजबूत किया गया।

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में जंगल राज 2020 की पूर्व संध्या पर समाप्त हुआ और हिंसा मुक्त जिला विकास परिषद के चुनावों के आयोजन से केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर के लोकतंत्र को मजबूत किया गया।

शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में ध्वजारोहण करने के उपरांत उपराज्यपाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में तत्कालीन राज्य के विशेष दर्जे को रद कर जम्मू-कश्मीर में एक नए युग की शुरूआत की थी। सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा कि प्रदेश में आम नागिरकों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करते हुए लोकतंत्र को जमीनी सतह से मजबूत किया गया है। कश्मीरियत की भावना के साथ, यानी सभी धर्मों व पंथों को विकास के अभियान पर लेकर हम नए मील के पत्थर हासिल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का 5 अगस्त 2019 को किया गया फैसला ऐतिहासिक फैसला है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। उपराज्यपाल ने आतंकवाद को प्रदेश की शांति और विकास के लिए अभिशाप बताते हुए कहा कि पड़ोसी देश प्रदेश के युवाओं को भड़काने की पूरी कोशिश कर रहा है। युवाओं को गुमराह करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सेना, अर्धसैनिक बलों व जम्मू-कश्मीर पुलिस के उन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने अपनी वीरता, साहस और बलिदान से भारत की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखा। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र सहित 257 वीरता पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने कहा- मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के सभी वीर नायकों को सलाम करता हूं। मैं उन बहादुर परिवारों के सदस्यों को भी सलाम करता हूं जिन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की आहुति दे दी।

उपराज्यपाल ने घोषणा की कि प्रशासन ने फैसला लिया है कि जम्मू-कश्मीर की प्रगति में मूल्यवान योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, वीर सैनिकों और व्यक्तित्वों की स्मृति में विभिन्न स्थानों और संस्थानों का नामकरण किया जाएगा। ऐसे करने से यह संस्थान और स्थान आने वाली पीढ़ियों को उनके योग्य उत्तराधिकारी बनने के लिए प्रेरित करता रहेगा।