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मनिंदर जीत सिंह बिट्टा बोले- बंदी सिख मौत के सौदागर, पूछना चाहिए हिंदुओं को क्यों मारा

आल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदरजीत सिंह बिट्टा गरमपंथी सिख नेताओं पर जमकर बरसे। कहा कि यह लोग माहौल खराब कर रहे हैं। बिट्टा ने कहा कि सिख पंथ को अपने ही लोगों से खतरा है।

By Jagran NewsEdited By: Kamlesh BhattUpdated: Thu, 06 Oct 2022 12:40 PM (IST)
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अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत करते मनिंदर जीत सिंह बिट्टा। जागरण

जागरण संवाददाता, अमृतसर। आल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट के चेयरमैन मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने धर्म के नाम पर नफरत फैलानों वालों से सावधान रहने की अपील की है। कहा कि कुछ सिख चरमपंथी नफरत फैला रहे हैं। यहां किसी के लिए ठीक नहीं है। 

मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि खालिस्तान के नाम पर जो लोग आजादी मांग रहे हैं, उनसे वह पूछना चाहते हैं कि किस बात की आजादी चाहिए। यह लोग देश को बांटने का काम कर रहे हैं, जबकि हिंदुस्तान ने हमें सब कुछ दिया। देश में पीएम, राष्ट्रपति, नेवी चीफ, आर्मी चीफ सब पदों पर सिख आसीन रहे हैं। इसके बावजूद चंद लोग पूरा माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

बिट्टा ने कहा कि एक बार पहले भी गरम भाषण के कारण मां के लाल मारे जा चुके हैं। अब फिर से खालिस्तान के नाम पर यह लोग पंजाब की जवानी को खत्म करने की कोशिश में लगे हैं। वहीं, वारिस पंजाब के मुख्य सेवादार अमृतपाल सिंह के मामले पर उन्होंने कहा की इन लोगों को विदेशों से फंडिंग हो रही है, अगर यह लोग इतने ही बहादुर हैं तो जाएं पहले उन लोगों को खत्म करें जिन लोगों ने पंजा साहब का अपमान किया है। गुरुद्वारों का अपमान किया।

बंदी सिखों पर मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि यह लोग मौत के सौदागर हैं। उन्होंने बिना कारण बेकसूर 36000 हिंदुओं को मारा। सिख कौम का इतिहास बहुत महान है, मगर इनसे यह पूछना चाहिए कि हिंदुओं को क्यों मारा गया, जबकि हिंदू अपने मन में नफरत की कोई भावना लेकर नहीं चलते हैं, ईसाई अपने मन में नफरत की कोई भावना लेकर नहीं चलते हैं। सिखों को अगर खतरा है तो वह अपने ही लोगों से खतरा है न की किसी और धर्म से खतरा है, इसलिए जरूरी है कि धर्म का प्रचार किया जाए न कि नफरत फैलाई जाए।