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Odisha में JSW स्टील व 2 अन्य पट्टेदारों पर 341 करोड़ रुपए का जुर्माना, लौह अयस्क डाउनग्रेड से जुड़ा है मामला

ओडिशा सरकार ने कथित तौर पर लौह अयस्क की गुणवत्ता कम करने के लिए तीन खनन पट्टाधारकों पर 341.07 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। तीनों खदानें कोइडा सर्कल में स्थित हैं। पट्टाधारकों ने पुनरीक्षण प्राधिकरण (आरए) के समक्ष अपील दायर कर पुन परीक्षा की मांग की है।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Sat, 04 Mar 2023 12:49 AM (IST)
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Odisha में JSW स्टील व 2 अन्य पट्टेदारों पर 341 करोड़ रुपए का जुर्माना
अनुगुल, संतोष कुमार पांडेय। ओडिशा सरकार ने कथित तौर पर लौह अयस्क की गुणवत्ता कम करने के लिए तीन खनन पट्टाधारकों पर 341.07 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए, इस्पात और खान मंत्री प्रफुल्ल कुमार मल्लिक ने विधानसभा को सूचित किया कि जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड पर 298.54 करोड़ रुपए, पटनायक मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड पर 37.1 करोड़ रुपए और यजदानी स्टील एंड पावर लिमिटेड पर 5.42 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। तीनों खदानें कोइडा सर्कल में स्थित हैं।

पुन: परीक्षण की रखी मांग

राज्य सरकार द्वारा अंतर बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहने के बाद, पट्टाधारकों ने पुनरीक्षण प्राधिकरण (आरए) के समक्ष अपील दायर कर पुन: परीक्षा की मांग की है। मंत्री ने कहा कि 2020 में जिन 19 खानों की नीलामी की गई थी, उनमें तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी, जिसमें खान निदेशक और भारतीय खान ब्यूरो के एक प्रतिनिधि शामिल थे। जांच समिति ने अयस्क की गुणवत्ता को कम करने में तीन पट्टेदारों की संलिप्तता पाई थी।

समिति के निष्कर्षों के अनुसार, जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड के नारायणपोशी लोहा और मैंगनीज अयस्क ब्लॉक में ग्रेड की गिरावट देखी गई थी। हालांकि निरीक्षण के दौरान क्रशर को नवंबर 2021 से चालू नहीं दिखाया गया था, जबकि परिस्थितिजन्य साक्ष्य से क्रशर चालू स्थिति में लग रहा था।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पटनायक मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के मामले में, समिति ने 2021-22 में अपने महुलसुखा लौह और मैंगनीज अयस्क ब्लॉक में ग्रेड की गिरावट देखी और खनन योजना और सीटीओ की शर्तों का उल्लंघन करते हुए स्क्रीनिंग प्लांट चालू पाया गया था ।

जानबूझकर डाउनग्रेड करने का लगाया आरोप 

यजदानी स्टील एंड पावर लिमिटेड के कोलमोंग लौह अयस्क और मैंगनीज अयस्क ब्लॉक में भी इसी तरह की विसंगतियां पाई गईं। मंत्री ने बताया कि तीन सदस्यीय समिति का गठन 14 फरवरी को खान एवं भूविज्ञान निदेशक की अनुशंसा पर किया गया है। हालांकि, भाजपा सांसद अपराजिता सडंगी ने 20 खनन लीजधारकों के खिलाफ निर्यात शुल्क और केंद्र और राज्य को देय कर से बचने के लिए अयस्क को जानबूझकर डाउनग्रेड करने का आरोप लगाया था।

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