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Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख का संघ से तीन पीढ़ी पुराना नाता, जानें किस कारण धनबाद दाैरा बन गया बेहद खास

Mohan Bhagwat आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तीन दिवसीय प्रवास पर धनबाद में हैं। राजमकल सरस्वती विद्या मंदिर में झारखंड प्रांत के कार्यकर्ताओं की बैठक है। शताब्दी समारोह की तैयारी में जुटे संघ के लिए यह बैठक खास है। संघ प्रमुख के जन्मदिन के कारण भी बैठक खास बन गई है।

By MritunjayEdited By: Updated: Sat, 11 Sep 2021 05:13 AM (IST)
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ( फाइल फोटो)।

मृत्युंजय पाठक, धनबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( Rashtriya Swayamsevak Sangh) प्रमुख मोहन भागवत धनबाद में हैं। वे झारखंड प्रांत के कार्यकर्ताओं की तीन दिवसीय बैठक ( 10, 11 और 12 सिंतबर) में भाग ले रहे हैं। संघ की दृष्टि से यह बैठक बहुत खास है। चार साल बाद 2025 में संघ की स्थानपना के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसके मद्देनजर 2024 तक देश के हर शहरी क्षेत्र की बस्ती और ग्रामीण क्षेत्र के गांव तक संघ की पहुंच (शाखा और सामाजिक कार्य) का लक्ष्य रखा गया है। इसे हासिल करने के लिए संघ प्रमुख लगातार दाैरे पर हैं। इसी क्रम में धनबाद में हैं। यहां के कार्यक्रम में झारखंड-बिहार क्षेत्र के तमाम बड़े पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता माैजूद हैं। इन सबके इतर एक और वजह है जिस कारण कार्यक्रम खास बन गया है। तीन दिवसीय कार्यक्रम के बीच में ही संघ प्रमुख का जन्मदिन भी है। इसे लेकर स्वयंसेवक उत्साहित हैं।

गंगा-दामोदर एक्सप्रेस से पटना से धनबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे आरएसएस प्रमुख

सरकारी नाैकरी से संघ प्रमुख तक का सफर

बहुत कम लोगों को पता होगा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शिक्षा ग्रहण करने के बाद कुछ दिनों तक सरकारी नाैकरी की। उनका जन्म 11 सितम्बर 1950 को महाराष्ट्र के चन्द्रपुर नामक एक छोटे से नगर में हुआ था। पूरा नाम मोहनराव मधुकरराव भागवत है। मोहन भागवत के पिता का नाम मधुकरराव भागवत है। मोहन भागवत की माता का नाम मालतीबाई है। मधुकरराव भागवत और मालतीबाई के तीन बेटे और एक बेटी हुई, जिनमें मोहन भागवत सबसे बड़े हैं। उन्होंने चन्द्रपुर के लोकमान्य तिलक विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद चन्द्रपुर के जनता कॉलेज से बीएससी की शिक्षा हासिल की। इसके बाद पंजाबराव कृषि विद्यापीठ, अकोला से पशु चिकित्सा और पशुपालन में स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की। महाराष्ट्र सरकार के एनिमल हसबेंडरी विभाग में बतौर वेटनरी ऑफिसर काम करने लगे। शुरुआत में पोस्टिंग चंद्रपुर में ही थी।

 

कार्यक्रम स्थल राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के बाहर बैठे स्वयंसेवक और सुरक्षाकर्मी

मोहन भागवत के पिता और दादा का भी आरएसएस से रहा रिश्ता

एक स्वयंसेवक से सरसंघचालक तक मोहन भागवत के सफर में परिवार से ही खालिस संघी बनने की प्रेरणा मिली है। मोहन भागवत के दादा नारायण भागवत और पिता मधुकर भागवत का RSS से जुड़ाव रहा है। मधुकर भागवत ने गुजरात में कुछ साल आरएसएस के प्रचारक के तौर पर भी काम किया। कहा जाता है कि मधुकर भागवत ही लालकृष्ण आडवाणी को आरएसएस से जोड़ने की कड़ी बने थे। 

पढ़ाई छोड़ आरएसएस के बन गए प्रचारक

देश में 1974 में जब मोहन भागवत पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए अकोला गए तब कुछ दिनों बाद साल 1975 में देश में आपातकाल लगा दिया गया।  ऐसे में अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी और संघ के प्रचारक बन गए। आपातकाल के दौरान मोहन भागवत के माता-पिता को जेल में डाल दिया गया। ऐसे में आपातकाल के दौरान मोहन भागवत अज्ञातवास में रहे। साल 1991 में आरएसएस के शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अखिल भारतीय प्रमुख बने। साल 1999 तक मोहन भागवत इस पद पर रहे। इसी वर्ष मोहन भागवत को पूरे देश के संघ प्रचारकों का प्रमुख बनाया गया. साल 2000 में तत्कालीन संघ प्रमुख राजेन्द्र सिंह और तत्कालीन सरकार्यवाह एच. वी. शेषाद्री ने स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ दिया, जिसके बाद एस सुदर्शन को संघ का नया प्रमुख और मोहन भागवत को सरकार्यवाह बनाया गया। इसके बाद 21 मार्च 2009 को एस सुदर्शन के पद छोड़ने के बाद मोहन भागवत को संघ का सरसंघचालक बनाया गया।

कार्यकर्ताओं के बीच आरएसएस प्रमुख मनाएंगे जन्मदिन

11 सितंबर को आरएसएम प्रमुख का जन्मदिन है। इस खास माैके पर वह धनबाद में हैं। वह भी झारखंड-बिहार के कार्यकर्ताओं के बीच। शुक्रवार सुबह गंगा-दामोदार एक्सप्रेस से पटना से धनबाद पहुंचे। इस कारण उनका जन्मदिन खास बन गया है। यह जानकारी मिलने के बाद संघ के पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक बेहद उत्साहित हैं। झारखंड प्रांत कार्यकर्ता बैठक स्थल राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में ही संघ प्रमुख ठहरे हुए हैं। संघ के कार्यकर्ता उन्हें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देंगे। 

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बिहार-झारखंड के संघ के प्रमुख कार्यकर्ताओं का जुटान

आरएसएस झरखंड प्रांत के तीन दिवसीय कार्यकर्ता बैठक में झारखंड और बिहार राज्य के प्रमुख कार्यकर्ताओं का जुटान हुआ है। इनमें क्षेत्र प्रचारक ( बिहार और झारखंड) रामनवमी, क्षेत्र कार्यवाह मोहन सिंह, क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, अजय प्रसाद, झारखंड प्रांत प्रमुख दिलीप, सह प्रांत प्रमुख गोपाल, भाजपा के क्षेत्रीय संगठन प्रभारी नागेंद्र त्रिपाठी, झारखंड भाजपा के महामंत्री धर्मपाल, प्रत्येक जिले के जिला प्रचारक, सभी अनुषंगी संगठन के प्रमुख आदि भाग ले रहे हैं।

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