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Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा की बेगम साहिबा मस्जिद के सर्वे पर निर्णय टला, 25 मई को आ सकता है फैसला

Shri Krishna Janmabhoomi Case बेगम साहिबा मस्जिद के सर्वे की मांग को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक न्यायालय को निर्णय की सुनवाई टल गई है। अगली तिथि 25 मई को नियत की गई है। मामले में पुरातत्व विभाग प्रतिवादी है।

By vineet Kumar MishraEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Sat, 06 May 2023 06:17 PM (IST)
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Shri Krishna Janmabhoomi Case: बेगम साहिबा मस्जिद के सर्वे पर निर्णय टला : जागरण
मथुरा, जागरण संवाददाता: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले को लेकर शनिवार को आगरा स्थित बेगम साहिबा मस्जिद के सर्वे की मांग को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक न्यायालय को निर्णय सुनाना था, लेकिन वादी पक्ष ने न्यायालय में कुछ दस्तावेज और हाई कोर्ट के कुछ अन्य मामले में किए गए आदेश की प्रति सौंपी। अगली तिथि 25 मई को नियत की गई है। 25 मई को न्यायालय या तो कुछ बिंदुओं पर सुनवाई करेगा या फिर निर्णय दे सकता है।

अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने एक वाद दायर कर कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर स्थित ठाकुर केशवराय (केशवदेव) मंदिर को तोड़कर उनके श्रीविग्रह मुगल बादशाह अकबर ने आगरा की बेगम साहिबा मस्जिद की सीढ़ियों में दबवा दिए थे। इसलिए बेगम साहिबा मस्जिद का पुरातत्व विभाग से सर्वे कराकर श्रीविग्रह को श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में भेजा जाए।

इस मामले में पुरातत्व विभाग को प्रतिवादी बनाया गया है। पुरातत्व विभाग ने न्यायालय से कहा था कि मस्जिद आगरा में है, इसलिए यहां की न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। पूर्व में दोनों पक्षों को न्यायालय ने सुन लिया था। शनिवार को इस पर निर्णय आ सकता था।

वादी पक्ष ने शनिवार को न्यायालय से कहा कि ये मामला उनके अधिकार क्षेत्र में आता है, क्योंकि श्रीविग्रह मथुरा के जन्मस्थान से गए हैं। इसलिए न्यायालय को सर्वे का अधिकार है। इसके अलावा न्यायालय में फ्रांसीसी लेखक फ्रांकोइस गुटियर की पुस्तक औरंगजेब इकोनोक्लेजम का अंश भी प्रस्तुत किया। जिसमें इस बात का जिक्र है कि औरंगजेब ने मस्जिद की सीढ़ियों में श्रीविग्रह दबवाए।

ऐसे मामलों में हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में किए गए कुछ आदेशों की प्रति भी न्यायालय में सौंपी। वादी ने बताया कि न्यायालय ने अगली तिथि 25 मई तय की है। उस दिन निर्णय भी आ सकता है, या न्यायालय कुछ बिंदुओं पर सुनवाई भी कर सकती है।

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