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तृणमूल के दो कद्दावर नेताओं के बीच आपसी कलह से बंगाल के हुगली ज़िले का सिंगुर इलाका फिर चर्चा में

लोकसभा चुनाव के पहले से ही सिंगुर कृषि जमीन बचाओ कमेटी के दो सक्रिय नेता एवं सिंगुर के विधायक रवींद्नाथ भट्टाचार्य एवं हरिपाल के विधायक बेचाराम मन्ना के बीच आपसी रंजिश की घटनाएं कई बार देखने को मिली है।

By Preeti jhaEdited By: Updated: Mon, 09 Nov 2020 08:30 AM (IST)
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सिंगुर के वयोवृद्ध तृणमूल विधायक रविंद्र नाथ भट्टाचार्य ने पार्टी छोड़ने तक की धमकी दी
कोलकता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के हुगली ज़िले का सिंगुर इलाका एक समय तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा कृषि भूमि बचाओ आंदोलन से मशहूर हुआ था, लेकिन आज सिंगुर आंदोलन से जुड़े दो कद्दावर नेताओं के बीच चल रही आपसी रंजिश से यह इलाका फिर से राजनैतिक चर्चा में है। यूं तो लोकसभा चुनाव के पहले से ही सिंगुर कृषि जमीन बचाओ कमेटी के दो सक्रिय नेता एवं सिंगुर के विधायक रवींद्नाथ भट्टाचार्य एवं हरिपाल के विधायक बेचाराम मन्ना के बीच आपसी रंजिश की घटनाएं कई बार देखने को मिली है।

वहीं, रविवार को हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस की नई कमेटी की घोषणा होने के बाद से एक बार फिर इनके बीच की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। सिंगुर ब्लाक तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष महादेव दास को हटाए जाने को लेकर तृणमूल के वयोवृद्ध विधायक रविंद्र नाथ भट्टाचार्य के गुस्सा एक बार फिर से फूटा है। पार्टी की इस कार्रवाई से उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने तक की धमकी दे दी है।

मालूम हो कि रविवार को श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बनर्जी ने हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस कमेटी के साथ ब्लाक एवं शहर तृणमूल कांग्रेस कमेटी की घोषणा की। नई कमेटी में सिंगुर ब्लाक तृणमूल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से महादेव दास को हटाकर गोविंद धारा को बनाया गया है। खबर है कि सिंगुर ब्लाक के अन्तर्गत नसीबपुर ग्राम पंचायत के उप प्रधान गोविंद धारा हरिपाल के विधायक बेचाराम मन्ना के काफी करीबी हैं। इसी बात को लेकर सिंगुर के विधायक रवीन्द्र नाथ भट्टाचार्य पार्टी से नाराज है।

उनका कहना है कि भष्ट्राचार से जुड़े लोगों को पार्टी ने सिंगुर ब्लाक तृणमूल कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है, जिसका हम लोग विरोध करते है। अगर पार्टी इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तो हमलोग आगे की रणनीति अपनाएंगे।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष दिलीप यादव को लेकर पार्टी के ही कुछ सांसद, मंत्री एवं विधायकों ने खुलेआम मोर्चा खोला था। पार्टी के नेता एवं कर्मियों के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए ममता बनर्जी के निर्देश पर हुगली जिले में विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी संगठन को ओर मजबूत करने के साथ आपसी मतभेद खत्म करने के लिए नई कमेटी बनाई गई। लेकिन इसके बाद भी पार्टी की अंदरूनी कलह खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। 

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