गुरु द्रोणाचार्य के तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहां दिए थे दर्शन
ऐतिहासिक श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर देहरादून शहर से करीब छह किलोमीटर दूर गढ़ी कैंट छावनी क्षेत्र में तमसा नदी के तट पर स्थित है।महाभारत काल से पूर्व गुरु द्रोणाचार्य के तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने दर्शन दिए।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Mon, 26 Jul 2021 04:35 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: ऐतिहासिक श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर देहरादून शहर से करीब छह किलोमीटर दूर गढ़ी कैंट छावनी क्षेत्र में तमसा नदी के तट पर स्थित है।महाभारत काल से पूर्व गुरु द्रोणाचार्य के तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने दर्शन दिए। गुरु द्रोण के अनुरोध पर ही भगवान शिव जगत कल्याण को लिंग के रूप में स्थापित हो गए। इसके बाद द्रोणाचार्य ने शिव की पूजा की और अश्वत्थामा का जन्म हुआ।
अश्वत्थामा ने मंदिर की गुफा में छह माह एक पांव पर खड़े होकर भगवान शिव की तपस्या की और जब भगवान प्रकट हुए तो उनसे दूध मांगा। इस पर प्रभु ने शिवलिंग के ऊपर स्थित चट्टान में गऊ थन बना दिए और दूध की धारा बहने लगी। इसी कारण से भगवान शिव का नाम दूधेश्वर पड़ गया। कलियुग में दूध की धारा जल में परिवर्तित हो गई, जो आज भी निरंतर शिवलिंग पर गिर रही है। इस कारण इस स्थान का नाम टपकेश्वर पड़ गया।यह है विशेषता
महादेव ने यहीं पर देवताओं को देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे। देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी शिव भक्त और पर्यटक भगवान के दर्शन को यहां आते हैं। पूरा सावन महीना यहां मेले का माहौल बना रहता है, और दर्शन के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है।जंगमेश्वर व टपकेश्वर महादेव मंदिर के श्री 108 महंत कृष्णा गिरी महाराज का कहना है कि भगवान शिव यहां साक्षात प्रकट हुए थे। श्री टपकेश्वर महादेव भक्तों की मनोकामना को पूरी करते हैं। सावन के महीने में यहां मात्र जल चढ़ाने से भक्तों की मन्नत पूरी होती है। 12 महीने देश-विदेश से श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते रहते हैं।
यह भी पढ़ें-Sawan 2021: भगवान शिव के प्रिय सावन माह का दूसरा सोमवार, शिवालयों में उमड़े श्रद्धालु; गूंज रहे बोल बम के जयकारेटपकेश्वर महादेव मंदिर के दिगंबर भरत गिरी महाराज का कहना है कि पूर्णिमा के दिन महादेव का दूधेश्वर के रूप में शृंगार किया जाता है। क्योंकि इसी दिन अश्वत्थामा को महादेव ने दर्शन दिए थे। महादेव की महिमा टपकेश्वर रूप में अपरम्पार है। यहां जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, शिव उसकी मनोकामना पूरी करते हैं।
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