हिमस्खलन वाले इलाको में बचाव कार्य जारी
अमेरिका ने शनिवार को सियाचिन क्षेत्र में हुए हिमस्खलन के बाद मलबे में फंसे 135 सैनिकों की तलाश में मदद की पेशकश की है।
इस्लामाबाद। सियाचिन ग्लेशियर में गत शनिवार के जबरदस्त हिमस्खलन के बाद बर्फ में दबे 139 सैनिकों और नागरिकों की तलाश का काम सोमवार को भी जारी रहा। उम्मीद है कि पाकिस्तान इस काम के लिए अन्य देशों से भी तकनीकी मदद ले सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार शनिवार सुबह छह बजे हिमस्खलन होने के बाद से ही बर्फ से किसी भी व्यक्ति को जिंदा नहीं निकाला जा सका है।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने कहा कि किसी का जीवित बचना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि सोमवार से क्षेत्र में हिमपात शुरू हो गया है। इसकी वजह से राहत और बचाव कार्यो में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
सेना के अनुसार राहत कार्यो में सहायता के लिए अमेरिका का आठ सदस्यीय विशेषज्ञ दल भी पाकिस्तान पहुंच चुका है। यह दल राहत कार्यो में तकनीकी सहयोग मुहैया कराएगा। सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मलबे में फंसे सैनिकों और लोगों को निकालने के लिए जरूरी सहायता के बारे में इस इस दल के सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा।
खबरों के मुताबिक कि पाकिस्तान अब अन्य देशों से इस संबंध में तकनीकी सहयोग लेने पर विचार कर रहा है। स्थानीय मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बर्फबारी का अनुमान व्यक्त किया है। पाकिस्तानी टीवी चैनलों ने खबर दी है कि सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी की अध्यक्षता में रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय में शीर्ष कमांडरों की बैठक शुरू हो गई है। इसमें राहत कार्यो के बारे में चर्चा की जाएगी।
रविवार रात को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने राहत कार्यो की निगरानी कर रहे कमांडरों से फोन पर बातचीत की। राहत कार्यो में जुटे सैन्य कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए रविवार को कयानी ने घटनास्थल का दौरा किया था। अब्बास ने कहा है कि हिमस्खलन से करीब एक वर्गकिलोमीटर का दायरा प्रभावित हुआ है। बचावकर्मी चारों ओर से बर्फ काट रहे है। उन्होंने कहा कि बर्फ करीब 80 फुट ऊंची है।
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