इंसाफ के तराजू में हम श्रीलंका से भी हल्के
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में न्यायिक प्रक्रिया काफी धीमी है। न्याय दिलाने के मामले में
By Edited By: Updated: Wed, 28 Nov 2012 05:46 PM (IST)
वाशिंगटन। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में न्यायिक प्रक्रिया काफी धीमी है। न्याय दिलाने के मामले में 97 देशों की सूची में भारत को 78वां स्थान मिला है। जबकि उसकापड़ोसी देश श्रीलंका सभी दक्षिण एशियाई देशों में कानून व्यवस्था के मामले में अव्वल है। वर्ल्ड जस्टिस द्वारा 'रूल ऑफ लॉ इंडेक्स 2012' शीर्षक से बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इस रिपोर्ट में अलग-अलग देशों को कानून-व्यवस्था के मामले में आठ विभिन्न क्षेत्रों के लिए आंका गया हैं।
जांच और संतुलन की व्यापक व्यवस्था के मामले में दुनिया में भारत का 37वां स्थान है। जबकि निम्न मध्य आय वर्ग के देशों में दूसरा स्थान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में स्वतंत्र न्यायपालिका, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए मजबूत संरक्षण और तुलनात्मक रूप से स्वतंत्र सरकार है। इस मामले में वैश्विक स्तर पर सूची में उसे 15वां जबकि निम्न आयवर्ग में चौथा स्थान मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रशासनिक एजेंसियों के बेहतर प्रदर्शन नहीं करती और न्यायिक प्रणाली की गति बहुत धीमी है। इसकी मुख्य वजह अदालत में मामलों की ज्यादा तादाद और कार्यवाही में होने वाली देरी है। भ्रष्टाचार के मामले में भारत का स्थान 83वां है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां भ्रष्टाचार एक प्रमुख समस्या है और पुलिस द्वारा भेदभाव व गालीगलौज कोई अनोखी बात नहीं है। वहीं अपराध, नागरिक संघर्ष और राजनीतिक हिंसा चिंता के विषय हैं। इसके लिए इसे विश्व में अंत से दूसरा स्थान यानी सबसे कम रैंकिंग मिली है। जबकि श्रीलंका अपने क्षेत्रीय साथी देशों के मुकाबले कानून व्यवस्था में दो क्षेत्रों के अलावा बाकी सभी क्षेत्रों में बेहतरीन रहा है। इस देश ने कई निम्न मध्य आय वर्ग वाले देशों को कई क्षेत्रों में मात दी है। आपराधिक मामलों में न्याय के लिए श्रीलंका को दूसरा जबकि स्वतंत्र सरकार, प्रभावी नियामक प्रर्वतन और भ्रष्टाचार न होने के लिए तीसरा स्थान मिला है। वहीं दूसरी ओर गृहयुद्ध के बाद हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन गंभीर समस्याएं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की जब क्षेत्रीय साथी देशों से तुलना की जाती है तो वह कई क्षेत्र में कमजोर साबित होता है। वहां सरकार की जवाबदेही के निम्न स्तर के साथ-साथ भ्रष्टाचार, कमजोर न्याय प्रणाली और आतंकवाद व अपराध के खिलाफ खराब सुरक्षा स्थिति है।
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