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आतंकी हरकतों पर जानकारी साझा करने को राजी हुए भारत और चीन

सीमापार पाकिस्तान से जारी आतंकवाद के साथ पूर्वोत्तर के राज्यों में सक्रिय उग्रवादी समूहों की कमर तोड़ने के काम में चीन से मदद का भारत को बड़ा भरोसा मिला है।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Sat, 21 Nov 2015 08:33 PM (IST)
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बीजिंग। सीमापार पाकिस्तान से जारी आतंकवाद के साथ पूर्वोत्तर के राज्यों में सक्रिय उग्रवादी समूहों की कमर तोड़ने के काम में चीन से मदद का भारत को बड़ा भरोसा मिला है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की चीनी नेतृत्व से वार्ता के बाद जारी साझा बयान में दोनों देशों ने आतंकी हरकतों पर जानकारी साझा करने को लेकर सहमति जताई है।

भारत, चीन इस बात के लिए राजी हो गए हैं कि दोनों देश आतंकी संगठनों और उनकी गतिविधियों के बारे में उपलब्ध सूचनाओं को एक खास संचार चैनल के जरिये साझा करेंगे।

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इसके साथ ही भारत और चीन ने आतंकवाद विरोधी अभियान में क्षेत्रीय, अंतरराष्ट्रीय एवं बहुपक्षीय स्तरों पर एक-दूसरे के रुख का समर्थन करना भी तय किया है। इतना ही नहीं दोनों देश आतंकवाद विरोधी अभियान में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए भी सहमत हुए हैं।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इस ताजा पहल से सीमापार आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ पूर्वोत्तर के उग्रवादियों का सफाया करने के अभियान में भारत को काफी सहूलियत होगी। अतीत में पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों को चीन और म्यांमार से संरक्षण मिला करता था।

अधिकारियों के मुताबिक भारत और चीन में आतंकी नेटवर्क सीमापार पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान से संचालित होता है। इसलिए आतंकी हरकतों की जानकारी साझा करने का राजीनामा द्विपक्षीय फायदे का सौदा साबित हो सकता है।

साझा बयान के अनुसार दोनों देश क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूहों के बारे में खुफिया जानकारी और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में एक-दूसरे का नजरिया भी साझा करेंगे। इसमें दोनों देशों के गृह मंत्रियों की अगुवाई में एक ऐसा नया सुरक्षा तंत्र गठित करने का फैसला किया गया है, जो हर दो साल पर द्विपक्षीय सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा करेगा।

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इसके अलावा संयुक्त सचिव और महानिदेशक स्तर के अधिकारियों की एक समिति भी बनाने पर सहमति बनी है जिसकी बैठक सालाना बैठक बारी-बारी से नई दिल्ली और बीजिंग में हुआ करेगी। साझा बयान ऐसे समय जारी हुआ जब शनिवार को कुआलालंपुर में भारतीय के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चीनी समकक्ष ली कछयांग से मिल रहे थे। मुलाकात में मोदी ने सिंह के सफल दौरे के लिए ली को धन्यवाद दिया।

ध्यान रहे कि राजनाथ सिंह से मिलने के लिए चीन के प्रधानमंत्री ली ने गुरुवार को अपने कुआलालंपुर रवानगी में विलंब कर दिया था। शंघाई रवाना से पहले राजनाथ ने अपने चीनी समकक्ष मेंग जियांझू और आंतरिक सुरक्षा मंत्री गुओ शेंगकुन को भारत आने का न्योता दिया।