इराक समस्या का हल तो चाहते हैं पर युद्ध नहीं चाहते ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह इराक की समस्या का हल तो चाहते हैं लेकिन युद्ध नहीं चाहते। इराकी सरकार द्वारा हवाई हमले की अपील के बाद ओबामा ने कहा कि अमेरिका अपने 300 तक सैन्य सलाहकार इराक भेजने और वहां तय लक्ष्यों पर हमले के लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिय
बगदाद/वाशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह इराक की समस्या का हल तो चाहते हैं लेकिन युद्ध नहीं चाहते। इराकी सरकार द्वारा हवाई हमले की अपील के बाद ओबामा ने कहा कि अमेरिका अपने 300 तक सैन्य सलाहकार इराक भेजने और वहां तय लक्ष्यों पर हमले के लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अमेरिकी सेनाएं इराक में युद्ध लड़ने के लिए नहीं लौटेंगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका इराकी सेना का साथ देगा। ओबामा ने कहा कि हम इराक में स्थिरता चाहते हैं और इराकी जनता को एकजुट होकर लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इराक का नेता चुनना हमारी जिम्मेदारी नहीं है।
माना जा रहा है कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट के [आइएसआइएल] के आतंकी बगदाद से मात्र 50 किमी दूर रह गए हैं। वहीं राजधानी से 200 किमी दूर तकरित के समीप बैजी रिफाइनरी पर नियंत्रण के लिए जबरदस्त संघर्ष जारी है। सरकारी सेनाओं का दावा है कि उन्होंने तेल रिफाइनरी पर नियंत्रण कर लिया है। हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि आतंकी अब भी रिफाइनरी के अंदर मौजूद हैं और सेना से मुकाबला कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, भारत ने कहा कि हिंसाग्रस्त इराक के मोसुल शहर में अगवा हुए सभी 40 भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं और इराकी अधिकारियों ने उनके ठिकानों की पहचान कर ली है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पंजाब के कुछ अगवा भारतीयों के परिवार के सदस्यों से कहा, 'वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें दो स्थानों पर रखा गया है। एक कपास मिल और एक सरकारी इमारत।'
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