नवाज को सता रहा कुर्सी जाने डर, लेकिन फिर कौन होगा पाक का पीएम
नवाज शरीफ पर पनामा पेपर लीक मामले में जो तलवार लटकी है उसमें उनकी सत्ता से बेदखली हो सकती है, लेकिन ऐसे में उनकी जगह कौन ले सकता है। यह बड़ा सवाल है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। पाकिस्तान में इस वक्त पनामा पेपर लीक कांड में वहां की राजनीतिक स्थिति हिचकोले खा रही है। आलम यह है कि नवाज शरीफ खुद इससे इतना डरे हुए हैं कि उन्हें इस मामले में अयोग्य ठहराए जाने तक का खतरा सामने दिखाई दे रहा है। लिहाजा पाकिस्तान की राजनीति फिलहाल इस मामले की जांच कर रही जेआईटी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है। जेआईटी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी गई है और संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह में किसी भी दिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला भी सुना देगा। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार 'डॉन' ने दो दिन पहले ही अपनी वेबसाइट पर खबर दी थी कि इस मामले में बुरी तरह से घिरे नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल किए जाने का डर सता रहा है।
शाहबाज को सौंपी जा सकती है पाकिस्तान की कमान
अखबार के मुताबिक शरीफ के सत्ता से हटने की सूरत में कमान उनके भाई शाहबाज शरीफ को सौंपी जा सकती है। इसकी वजह यह भी है कि पिछले दिनों उन्होंने नवाज के नेतृत्व में जिस हाई-लेवल मीटिंग में शिरकत की, उसके बाद से इस तरह के कयास बढ़ गए हैं। पार्टी यह भी कह रही है कि शाहबाज पूरी तरह से नवाज के साथ हैं और काफी संभलकर कदम रख रहे हैं। लेकिन इन सभी के बीच एक बड़ा सवाल यह भी है कि नवाज की इस पसंद को पार्टी के अंदर कितने लोग मानेंगे। इसके अलावा दूसरा सवाल यह भी है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो पाकिस्तान की राजनीति किस तरफ जाएगी। इतना ही नहीं पार्टी हाई-लेवल मीटिंग में नवाज के साथ शाहबाज के हिस्सा लेने से इस बात की अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं कि नवाज के दिन अब लद गए हैं और जल्द ही उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। हालांकि नवाज श्ारीफ की बेटी मरियम ने गुरुवार को ट्विटर पर कहा कि उनके पिता पीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
यह भी पढ़ें: दुनिया के सबसे घातक विस्फोटकों में एक है PETN, मैटल डिटेक्टर से नहीं चलता पता
नवाज की पार्टी ने जेआईटी को बताया षड़यंत्र
वहीं दूसरी ओर नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) ने इस पूरे मामले को एक षड़यंत्र करार देने और पूरे पाकिस्तान में इसका प्रचार-प्रसार करने की बात कही है। पार्टी का कहना है कि जेआईटी द्वारा कुछ नेता नवाज शरीफ को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। इसका मकसद उन्हें सत्ता से हटाकर खुद इस पर काबिज होना है। लिहाजा पार्टी ने न्यायपालिका और पनामागेट को छोड़कर अब जेआईटी पर निशाना साधा है। इसको लेकर पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को भी कहा है कि वह घर-घर जाकर इसका प्रचार करें कि यह सब एक षड़यंत्र के तौर पर किया जा रहा है। हालांकि पीएमएल (एन) ने पहले ही यह मन बना लिया है कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट में जेआईटी रिपोर्ट को चुनौती देगी। पार्टी की तरफ से यह भी कहा गया है कि इस्तीफे को लेकर पीएम के ऊपर कोई दबाव नहीं है और वह हर हाल में सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे।
मरियम को भी जेआईटी ने बनाया है आरोपी
सत्ता की उत्तराधिकारी कही जाने वाली नवाज की बेटी मरियम शरीफ को पनामा पेपर्स कांड में आरोपी बनाया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, मरियम ने परिवार की विदेशी संपत्ति और कंपनी के बारे में जानकारी छिपाई थी। पनामा पेपर्स मामले की जांच कर रहे छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (JIT) ने सत्तारूढ़ परिवार के खिलाफ झूठी गवाही, आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगाया है। जेआइटी के अनुसार, 15 जून को जांचकर्ताओं के समक्ष अपनी पेशी के दौरान अधिकतर सवालों का संतोषजनक जवाब देने में शरीफ असफल रहे थे। मरियम ने आरोप लगाया है कि पनामा पेपर लीक मामले में कई और कंपनियां फंसी हैं लेकिन जेआईटी सिर्फ सत्ताधारी परिवार के खिलाफ ही गठित की गई है।