'ऑपरेशन ओसामा' की पूरी कहानी नेवी सील की जुबानी
नेवी सील कमांडो मार्क बाइसोनेट की किताब से अलकायदा सरगना के खात्मे की पूरी कहानी सामने आ गई है। 'नो ईजी डे : द फर्स्ट हैंड अकाउंट ऑफ द मिशन दैट किल्ड ओसामा बिन लादेन' नाम की इस किताब को बाइसोनेट ने मार्क ओवन के नाम से लिखा है। यह किताब 4 सितंबर को लांच होगी, लेकिन
By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2012 08:05 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। नेवी सील कमांडो मार्क बाइसोनेट की किताब से अलकायदा सरगना के खात्मे की पूरी कहानी सामने आ गई है। 'नो ईजी डे : द फर्स्ट हैंड अकाउंट ऑफ द मिशन दैट किल्ड ओसामा बिन लादेन' नाम की इस किताब को बाइसोनेट ने मार्क ओवन के नाम से लिखा है। यह किताब 4 सितंबर को लांच होगी, लेकिन ऑपरेशन जेरोनिमो की पूरी कहानी मीडिया में आ चुकी है, तो आइए जानें बाइसोनेट की जुबानी 'ऑपरेशन ओसामा' की कहानी..
अफगानिस्तान के जलालाबाद सैन्य ठिकाने से 24 नेवी सील कमांडो 1 मई 2011 की रात दो ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टरों में सवार होकर पाकिस्तान के एबटाबाद की ओर बढ़े। कमांडोज को तीन टीमों में बांटा गया था। हमें मालूम था कि 'वजीरिस्तान हवेली' में लादेन के अलावा उसका बेटा खालिद, संदेशवाहक अहमद अल कुवैती और कुवैती का भाई अबरार भी होंगे। एबटाबाद पहुंचते ही एक ब्लैक हॉक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। खुशकिस्मती से उसमें सवार कमांडोज सुरक्षित थे। दूसरे हेलीकॉप्टर में सवार सभी कमांडोज हवेली की छत पर उतर चुके थे। हमारे पास 'ऑपरेशन जेरानिमो' को अंजाम देने के लिए 30 मिनट थे। मैं और मेरी टीम परिसर में मौजूद गेस्ट हाउस की ओर बढ़ी। हमें बताया गया था कि लादेन का संदेश वाहक अहमद अल कुवैती परिवार के साथ यहीं पर रहता है। इसके बाद कमांडो ने दरवाजे के ऊपर बनी खिड़की को निशाना बनाकर पहला राउंड फायर किया। एक साथी ने अरबी में कुवैती से बाहर आने को कहा। कुछ देर बाद दरवाजा खुला और महिला बाहर आई। उसके हाथों में कुछ था, हमें लगा कि वह बम है, लेकिन उसकी गोद में नवजात था। वह कुवैती की पत्नी मरियम थी। उसके पीछे तीन बच्चे खड़े थे। उसने बताया कि कुवैती मर चुका है, लेकिन मैंने बेडरूम के दरवाजे पर हलचल देखी और कुवैती पर कई गोलियां दागीं। गेस्ट हाउस सुरक्षित करने के बाद टीम परिसर के मुख्य हिस्से की ओर बढ़ी। टीम का नेतृत्व करने वाले 'प्वाइंट मैन' ने खिड़की से किसी को झांकते देखा। उसने बिना देर किए उसे गोली मारी, वह अबरार था। उसकी पत्नी बुशरा उसे बचाने में मारी गई। अब परिसर का 'फर्स्ट लेवल' सुरक्षित था। सेकेंड लेवल में खालिद और थर्ड में लादेन को उड़ाया कमाडोज ने कुछ देर में 'सेकेंड लेवल' में घुसने के लिए एक गेट उड़ा दिया। जब मैं सेकेंड लेवल पर पहुंचा तो देखा एक बॉडी लटकी है। वह लादेन का बेटा खालिद था। इसके बाद टीम 'थर्ड लेवल' यानी तीसरी मंजिल की ओर बढ़ी। मैं सीढि़यों पर था तभी गोली चलने की आवाज सुनाई दी। प्वांइट मैन ने बताया कि खिड़की से कोई झांक रहा था, इसलिए उसने गोली चलाई, लेकिन उसे नहीं पता था गोली लगी या नहीं? वह आदमी एक कमरे की ओर भागा। कुछ देर रुककर हम कमरे की ओर बढ़े और देखा कि दो महिलाएं एक आदमी से लिपटकर रो रही थीं। मैंने और एक अन्य कमांडो ने उसके सीने पर कई राउंड फायर किए। मैंने उसका खून से सना चेहरा साफ किया और कुछ फोटो खींचे। पहचान के लिए हमने वहां मौजूद एक लड़की से पूछा यह कौन है? उसने जवाब दिया ओसामा बिन लादेन।
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