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अमेरिकी वायु सेना ने एफ-16 लड़ाकू विमान को ड्रोन में बदला

वाशिंगटन। अमेरिकी वायु सेना के पुराने पड़ चुके एफ-16 लड़ाकू विमान ने पहली बार बिना पायलट के सफलतापूर्वक उड़ान भरी। यह विमान उन छह रिटायर्ड एफ-16 विमानों में से एक है जिसका इस्तेमाल लड़ाकू पायलटों के प्रशिक्षण के दौरान हवा से हवा में मार करने के दौरान किया जाता है। इस कदम से अमेरिकी सेना केड्रोन विमानों पर बढ़ती

By Edited By: Published: Thu, 26 Sep 2013 05:03 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2013 05:05 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिकी वायु सेना के पुराने पड़ चुके एफ-16 लड़ाकू विमान ने पहली बार बिना पायलट के सफलतापूर्वक उड़ान भरी। यह विमान उन छह रिटायर्ड एफ-16 विमानों में से एक है जिसका इस्तेमाल लड़ाकू पायलटों के प्रशिक्षण के दौरान हवा से हवा में मार करने के दौरान किया जाता है। इस कदम से अमेरिकी सेना केड्रोन विमानों पर बढ़ती निर्भरता के साफ संकेत मिलते हैं।

विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने बताया रोबोटिक विमान एफ-16 ने पिछले सप्ताह फ्लोरिडा स्थित सैन्य अड्डे से बिना पायलट के करीब 55 मिनट की उड़ान भरी। ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन में मौजूद दो पायलट विमान का संचालन कर रहे थे। बोइंग की मिशेल शोलहामर ने कहा, एफ-16 को बिना पायलट के उड़ते देखना सचमुच शानदार अनुभव था। फ्लोरिडा स्थित वायु सेना अड्डे से उड़ान भरने के बाद मानवरहित विमान 40 हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंच गया था। हवा में विमान ने कई करतब भी दिखाए। यह पहली बार नहीं है कि अमेरिकी वायु सेना ने पुराने पड़ चुके विमानों का इस्तेमाल ड्रोन के तौर पर हवा से हवा में मार करने के परीक्षण के लिए किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन 1997 से 80 से अधिक एफ-4 फैंटम विमानों को रोबोटिक विमानों में बदल चुका है। मगर एफ-4 के मुकाबले एफ-16 लक्ष्यों को तेजी से निशाना बनाता है। अमेरिकी वायु सेना ने कहा है कि इन ड्रोन विमानों का इस्तेमाल प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा, इन्हें मानवरहित विमानों के बेड़े में शामिल नहीं किया जाएगा।

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