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सितार वादक इमरत खान का पद्मश्री लेने से इन्कार

सुरबहार वादक उस्ताद इमरत खान (82) ने पद्मश्री सम्मान लेने से इन्कार कर दिया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 02 Feb 2017 05:48 PM (IST)
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सितार वादक इमरत खान का पद्मश्री लेने से इन्कार

शिकागो, प्रेट्र : जानेमाने सितार और सुरबहार वादक उस्ताद इमरत खान (82) ने पद्मश्री सम्मान लेने से इन्कार कर दिया है। उनका कहना है कि उन्हें यह सम्मान कई दशकों के विलंब से दिया जा रहा है और यह उनकी विश्वव्यापी प्रतिष्ठा और योगदान के अनुकूल भी नहीं है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म सम्मान के लिए उनके नाम की घोषणा के बाद शिकागो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सेंट लुइस में रहने वाले इमरत खान से संपर्क किया था। जवाब में उन्होंने दूतावास को बताया कि उनके 'जूनियर्स' को पहले ही पद्म भूषण सम्मान से नवाजा जा चुका है, लिहाजा पद्मश्री दिए जाने के फैसले से उन्हें मिश्रित भावनाओं की अनुभूति हो रही है।

उन्होंने कहा, '82 साल की उम्र के पड़ाव पर भारत सरकार ने मुझे पद्मश्री सम्मान के लिए चुना है। यह सम्मान देने के पीछे की सद्भावना का मैं आदर करता हूं।'दुनियाभर में भारतीय शास्त्रीय संगीत खासकर सितार और सुरबहार के प्रसार में इमरत खान का काफी बड़ा योगदान है। अपने बड़े भाई उस्ताद विलायत खान के अलावा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, उस्ताद अमेदजन थिरकवा खान और पंडित वीजी जोग जैसे दिग्गजों के साथ प्रस्तुति दे चुके इमरत ने कहा कि वह पद्मश्री स्वीकार करके समझौता नहीं करना चाहते।

उन्होंने कहा, 'मेरा संगीत मेरे जीवन का सबसे अहम हिस्सा है। बिना किसी भ्रष्ट आचरण और इस कला के प्रति पूरे समर्पण के साथ मैंने इसे जीवनभर सबसे ऊंचे पायदान पर रखा है।' उन्होंने दावा किया कि पद्मश्री लेने से इन्कार उन्होंने आत्म-उन्नयन की भावना से नहीं किया है, बल्कि यह सिर्फ औचित्य का मामला है।

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