एमान अहमद के स्वास्थ्य में बेहतर सुधार, बोलीं- 'मैं अच्छी हूं'
36 वर्षीय एमान जो अपने मोटापे से संघर्ष कर रहीं थीं अब अपने अंगों को हिला सकती हैं और बातचीत कर सकती हैं।
By Monika minalEdited By: Updated: Tue, 25 Jul 2017 10:07 AM (IST)
अबू धाबी (जेएनएन)। अबू धाबी के बर्जील अस्पताल में मिस्र की एमान अहमद से एक पत्रकार ने पूछा- ‘आप कैसे हैं’ जिसपर अहमद ने जवाब दिया, ‘अना बेखैर, शुक्रन (मैं अच्छी हूं, धन्यवाद)’। लाल रंग के टॉप व स्कार्फ में हल्के मेकअप के साथ एमान अच्छी दिख रहीं थीं। गत मई माह में एमान मुंबई से अबू धाबी आयीं थीं। 500 किग्रा की एमान दुनिया की सबसे वजनी महिला थी जब उन्हें मुंबई के सैफी अस्पताल में फरवरी में भर्ती किया गया। अभी एमान की वजन 150 किग्रा है।
अस्पताल में सोमवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एमान मुस्कान के साथ मौजूद थीं और डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया। आराम से बोलने के साथ 36 वर्षीय एमान तीन साल पहले लकवा का दौरा आया था जिसके कारण वे हिल नहीं पा रहीं थी और अब वे अपने अंगों को हिला सकती हैं।
बुर्जील अस्पताल के डॉक्टरों ने मुंबई मिरर को बताया कि एमान के हालत में सुधार के लिए उनके शारीरिक के साथ मानसिक अवस्था पर भी ध्यान दिया गया। इसके पीछे लक्ष्य यह था कि उन्हें आरामदेह जिंदगी मुहैया करायी जा सके और दूसरों पर उनकी निर्भरता को कम किया जा सके।
जब एमान अबू धाबी पहुंची तब वे गंभीर डिप्रेशन में थीं। बुर्जील अस्पताल के आइसीयू की प्रमुख डॉक्टर नेहाद हलावा ने कहा, ‘वे बातचीत से इंकार कर रहीं थीं इसलिए हमारी प्राथमिकता उन्हें काउंसलिंग मुहैया कराना था। बोलने में उनकी असमर्थता और अन्य बीमारियों का नकारात्मक प्रभाव उनकी मानसिक स्थिति पर पड़ा था।‘
प्रतिदिन उन्हें कुछ घंटे फिजियोथेरैपी और स्पीच थेरैपी में शामिल होना होता है। एमान अब ठोस भोज्य पदार्थ ले रहीं हैं और कुछ देर के लिए बैठने में भी सक्षम हैं।
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें खुद से खड़े होने और चलने में समय लग सकता है और उन्हें घुटना प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी कराना पड़ सकता है। वे अभी अपने दोनों हाथों से खाना, पानी और दवाएं ले लेती हैं। अस्पताल ने एमान के वजन पर कमेंट करने से इंकार कर दिया। जब उन्हें अस्पताल लाया गया था वे 200 किग्रा से अधिक थीं।एमान की बड़ी बहन शायमा ने मिरर को बताया कि वे बुर्जील के डॉक्टरों की आभारी हैं जिन्होंने एमान का इलाज किया। एमान काफी खुश हैं।
बुर्जील अस्पताल के डॉक्टरों ने मुंबई मिरर को बताया कि एमान के हालत में सुधार के लिए उनके शारीरिक के साथ मानसिक अवस्था पर भी ध्यान दिया गया। इसके पीछे लक्ष्य यह था कि उन्हें आरामदेह जिंदगी मुहैया करायी जा सके और दूसरों पर उनकी निर्भरता को कम किया जा सके।
जब एमान अबू धाबी पहुंची तब वे गंभीर डिप्रेशन में थीं। बुर्जील अस्पताल के आइसीयू की प्रमुख डॉक्टर नेहाद हलावा ने कहा, ‘वे बातचीत से इंकार कर रहीं थीं इसलिए हमारी प्राथमिकता उन्हें काउंसलिंग मुहैया कराना था। बोलने में उनकी असमर्थता और अन्य बीमारियों का नकारात्मक प्रभाव उनकी मानसिक स्थिति पर पड़ा था।‘
प्रतिदिन उन्हें कुछ घंटे फिजियोथेरैपी और स्पीच थेरैपी में शामिल होना होता है। एमान अब ठोस भोज्य पदार्थ ले रहीं हैं और कुछ देर के लिए बैठने में भी सक्षम हैं।
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें खुद से खड़े होने और चलने में समय लग सकता है और उन्हें घुटना प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी कराना पड़ सकता है। वे अभी अपने दोनों हाथों से खाना, पानी और दवाएं ले लेती हैं। अस्पताल ने एमान के वजन पर कमेंट करने से इंकार कर दिया। जब उन्हें अस्पताल लाया गया था वे 200 किग्रा से अधिक थीं।एमान की बड़ी बहन शायमा ने मिरर को बताया कि वे बुर्जील के डॉक्टरों की आभारी हैं जिन्होंने एमान का इलाज किया। एमान काफी खुश हैं।