नहीं चाहते थे राखी दुनिया में भी आए
अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रही मंगोलपुरी की विधायक राखी बिड़ला के माता-पिता नहीं चाहते थे कि वह इस दुनिया में आए। राखी जब अपनी मां की गर्भ में थीं तो मां ने चिकित्सक की सलाह पर गर्भपात कराने की दवा भी ली थी, लेकिन दवा अपना असर नहीं दिखा सकी। यह खुलासा खुद राखी के पिता भूपेंद्र
By Edited By: Updated: Sat, 28 Dec 2013 01:32 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रही मंगोलपुरी की विधायक राखी बिड़ला के माता-पिता नहीं चाहते थे कि वह इस दुनिया में आए। राखी जब अपनी मां की गर्भ में थीं तो मां ने चिकित्सक की सलाह पर गर्भपात कराने की दवा भी ली थी, लेकिन दवा अपना असर नहीं दिखा सकी। यह खुलासा खुद राखी के पिता भूपेंद्र सिंह बिड़ला ने किया है। उन्होंने बताया कि पहले से तीन संतान होने के चलते वह चौथी संतान नहीं चाहते थे।
घर की खराब माली हालत इसकी वजह थी। सबसे बड़ी बेटी सोनू, बेटे विरेंद्र, विक्रम के बाद राखी सबसे छोटी संतान है। लेकिन दवा ने जब असर नहीं किया तो वह दोबारा अपनी पत्नी को चिकित्सक के पास ले गए। चिकित्सक ने जांच करने के बाद जब यह कहा कि अब तो ऑपरेशन ही एक रास्ता है तो उन्होंने व उनकी पत्नी ने गर्भपात का फैसला टाल दिया। उन्होंने सोचा कि दवा लेने के बाद भी जब गर्भ में पल रहे बच्चे को दुनिया में आने से रोका नहीं जा सका तो अब उसे दुनिया में आना ही चाहिए। भूपेंद्र कहते हैं कि राखी के जन्म के बाद उन्होंने उसके प्रति अपने प्यार में कोई कमी नहीं आने दी। उसके पालन -पोषण से लेकर शिक्षा-दीक्षा में कोई कसर बाकी नहीं रखी। कर्ज लेकर राखी की शिक्षा पूरी करवायी और आज राखी ने उनके परिवार का नाम रोशन कर दिया। दलित परिवार में पैदा हुई राखी का मूल गोत्र बिड़लान है। वह अपनी स्कूल की शिक्षक की गलती के कारण बिड़लान से बिड़ला हो गईं। दरअसल स्कूल के शिक्षक ने उनकी दसवीं कक्षा के प्रमाण पत्र में बिड़लान की जगह बिड़ला लिख दिया था। उसके बाद उनके नाम के आगे बिड़ला जुड़ गया। मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।