Karnataka Election 2023: वोटर ID कार्ड नहीं है तो घबराएं नहीं, ये 11 डॉक्यूमेंट्स दिखाकर भी डाल सकते हैं वोट
अगर आपके पास वोटर ID कार्ड नहीं है और इस बात से परेशान हैं कि वोट कैसे डालें तो आप इसके विकल्प में अपना पहचान पत्र ले जा सकते हैं साथ ही कुछ और डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल भी हो सकता है।
By Gurpreet CheemaEdited By: Gurpreet CheemaUpdated: Tue, 09 May 2023 11:07 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार 8 मई को थम चुका है। इसके साथ ही मतदान के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। राज्य में 10 यानी की कल वोटिंग होनी है, महज कुछ घंटों का इंतजार है।
इस इंतजार के बीच लोगों के मन में एक सवाल भी है, वो सवाल है वोटर कार्ड न होने का...कुछ लोग इस असमंजस में हैं कि उनके पास अगर वोटर कार्ड नहीं तो क्या वे वोट डाल पाएंगे या नहीं। तो आपको बता दें कि यदि आप भी उनमें से हैं जिनका वोटर कार्ड खो गया है तो चिंता न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि, अगर आपके पास वोटर कार्ड नहीं है तब भी आप अपना वोट डाल पाएंगे।
वोट डालने के लिए आप अपना पहचान पत्र ले जा सकते हैं, साथ ही एक मतदाता पर्ची की भी आवश्यकता होगी। इस पर्ची को आप nvsp.in से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। ये चुनाव आयोग द्वारा ही जारी किया जाता है। अब एक सवाल भी उठता है कि क्या वोटर बिना वोटर कार्ड के वोट डाल सकता है?
तो इसका जवाब हां, होगा। दरअसल वोटर ऐसे भी कुछ दस्तावेज हैं जिन्हें आप वोटर कार्ड के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए इनके बारे में जानते हैं।
वोटर कार्ड की जगह इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर डाल सकते हैं वोट
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- राज्य सरकार या केंद्र सरकार का सेवा पहचान पत्र
- बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटो के साथ पासबुक
- मनरेगा जॉब कार्ड
- एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
- श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
- सांसदों/विधायकों/एमएलसी, आदि को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
- फोटो के साथ पेंशन दस्तावेज
मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की सुविधा
कर्नाटक में 224 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में फिलहाल 5.21 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.59 महिला मतदाता हैं। वहीं 16,976 मतदाता ऐसे हैं, जो 100 साल से ऊपर हैं। 4,699 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं और 9.17 लाख ऐसे वोटर्स हैं जो पहली बार वोट डालेंगे जबकि 5.55 लाख मतदाता ऐसे हैं जो दिव्यांग श्रेणी में आते हैं। इसको अलावा 36 सीटें आदिवासी और 15 दलित समुदाय के लिए आरक्षित हैं।खास बात ये है कि पहली बार कर्नाटक में 12.15 लाख 80 साल से अधिक और 5.55 लाख बेंचमार्क पीडब्ल्यूडी मतदाताओं के लिए घरेलू मतदान की सुविधा होगी।कर्नाटक में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी खास होगा। 224 विधानसभा क्षेत्रों में 58,282 मतदान केंद्र तैयार किए जाएंगे। वहीं 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की भी सुविधा रहेगी। इसके
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