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Mizoram CM Oath Ceremony:Mizoram CM Oath Ceremony: मिजोरम को मिला नया मुख्यमंत्री, लालदुहोमा ने ली सीएम पद की शपथ; 12 विधायक बनेंगे मंत्री

मिजोरम में मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आठ दिसंबर को आयोजित किया गया। राज्यपाल हरि बाबू कमभमपति ने लालदुहोमा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में जेडपीएम को 27 सीटों पर जीत मिली है जबकि एमएनएफ को केवल 10 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इस शपथ ग्रहण समारोह में ग्यारह अन्य ZPM नेता भी मंत्री पद की शपथ लेंगे।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 08 Dec 2023 12:04 PM (IST)
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लालदुहोमा ने ली सीएम पद की शपथ
पीटीआई, आइजोल। जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के नेता लालदुहोमा ने शुक्रवार को मिजोरम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस दौरान राज्यपाल हरि बाबू कमभमपति ने लालदुहोमा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मालूम हो कि इस शपथ ग्रहण समारोह में ग्यारह अन्य ZPM नेता भी मंत्री पद की शपथ लेंगे।

राजभवन में मौजूद रहे कई नेता

राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था। यहां मिजो नेशनल फ्रंट के नेता और निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथंगा मौजूद रहे। साथ ही, इस कार्यक्रम में एमएनएफ के विधायक दल के नेता लालचंदमा राल्ते सहित सभी विधायक शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री ललथनहवला भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे थे।

27 सीटों पर हासिल की जीत

5 दिसंबर को (मंगलवार) को जेडपीएम विधायक दल ने लालदुहोमा को अपना नेता और के.सपडांगा को अपना उपनेता चुना था। 40 सदस्यीय विधानसभा वाले मिजोरम में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री हो सकते हैं। ZPM को 2019 में एक राजनीतिक दल के रूप में रजिस्टर किया गया था। यह 7 नवंबर को हुए चुनाव में विधानसभा चुनावों में 27 सीटें जीतकर विजयी हुई, 2018 के चुनावों से पार्टी को 8 सीटों की बढ़त हुई है।

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कौन हैं लालदुहोमा?

मिजोरम में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी जेडपीएम के अध्यक्ष लालदुहोमा मिजोरम के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। 1972 से 1977 तक लालदुहोमा ने मिजोरम के मुख्यमंत्री के प्रधान सहायक के तौर पर भी काम किया था।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभारी होने से लेकर जेडपीएम को ऐतिहासिक जीत दिलाने तक, लालदुहोमा ने कई बाधाओं का सामना किया था। एक आईपीएस अधिकारी के रूप में उनकी यात्रा 1977 में शुरू हुई। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने गोवा में एक स्क्वाड लीडर के रूप में कार्य किया, जिसका काम अपराधी हिप्पियों और तस्करों पर नकेल कसना था।

उनकी उपलब्धियों को राष्ट्रीय मीडिया ने मान्यता दी। लालदुहोमा ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और 1984 में मिजोरम की एकमात्र लोकसभा सीट से चुने गए। उनकी सेवा के बाद, लालडुहोमा ने ZPM की स्थापना की, जिसने समय के साथ मिजोरम में अपनी मजबूत पकड़ बनाई और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई।

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