भगवान से पूछेंगे चुनाव क्यों हारे हम: हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहते हैं कि उन्हें अभी तक पता नहीं चला कि वह चुनाव क्यों हारे? लिहाजा, हार का कारण जानने के लिए वह भगवान की शरण में जाएंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 04 Feb 2018 08:54 PM (IST)
दिल्ली से लौटने के बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान रावत ने अपने मन में चुनाव हारने की कसक खुलकर बयां की। कहा कि हमारी सरकार ने अच्छे कार्यक्रमों से जनता को फायदा पहुंचाया। लेकिन हार कैसे हुई, इसके कारण तलाशने जनता-जनार्दन के द्वार जाकर पूछूंगा कि हम चुनाव क्यों हारे? इसके अलावा मोदी मॉडल के बारे में भी जनता से जानेंगे कि आखिर मोदी मॉडल क्या है? इसके लिए रविवार से पूर्व मुख्यमंत्री 11 बजे नेशविला रोड स्थित बाल्मीकि मंदिर में भजन-कीर्तन करेंगे। यहां भोज कार्यक्रम भी रखा गया है। सोमवार को 10 बजे टपकेश्वर और 2 बजे लक्ष्मण सिद्ध मंदिर में भजन-कीर्तन करेंगे। इसके बाद राज्यभर में फरवरी से अप्रैल तक अलग-अलग जिलों में जाकर हार के कारण तलाशेंगे।
फिर कहा, मुझे नहीं बुलाया
दून और हल्द्वानी में कांग्रेस की रैलियों में शामिल न होने पर पूर्व सीएम रावत न कहा कि मुझसे कहते तो जरूर आता। जिम्मेदारी देते तो वो भी निभाता। मगर नाराजगी पर साफ कहा कि वह प्रीतम सिंह के साथ हैं। दून की रैली देखकर तो उनके मन में लालच और मुंह में पानी टपक आया कि काश वह भी रैली में शामिल होते। धड़ेबाजी पर हरीश ने किसी भी तरह का कमेंट करने से इन्कार कर दिया।
गैरसैंण का अपमान कर रही भाजपा
रावत ने कहा कि गैरसैंण में पहले आधे सत्र में भाजपा सरकार बिस्तर बांधकर लौटा आई। अब बजट और अभिभाषण पर मजाक किया जा रहा है। 10 माह में एक पत्थर तक गैरसैंण में इस सरकार ने नहीं लगाया है। ऐसे में सत्र का इरादा क्या है, इस हम भी समझ नहीं पा रहे हैं।
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