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Odisha News: मुखबिरी की तो मिलेगी मौत की सजा... भंजनगर में लटके मिले माओवादी बैनर, धमकी के बाद इलाके में दहशत का माहौल

Odisha News पुलिस मुखबिरी करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी। इस तरह का बैनर ओडिशा के भंजनगर में देखने को मिले हैं। माओवादी बैनर के मिलने की खबर के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। हालांकि वास्तव में बैनर किसने लगाया है इसकी पुष्टि नहीं हुई है। ऐसा कहा जाता है कि भंजनगर ने पिछले पांच वर्षों में माओवादियों द्वारा ऐसे पोस्टर - बैनर नहीं देखे थे।

By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Mon, 13 Nov 2023 06:00 AM (IST)
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Odisha News: मुखबिरी की तो मिलेगी मौत की सजा... भंजनगर में लटके मिले माओवादी बैनर
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। लंबे विराम के बाद, माओवादि संगठन (सीपीआई-एम) ने गंजाम जिले के भंजनगर पुलिस सीमा के तहत दुर्गाप्रसाद गांव के बाहरी इलाके में एक बैनर लगाया है।

बैनर में वामपंथी उग्रवादियों ने चेतावनी दी है कि पुलिस मुखबिरी करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी। माओवादी बैनर के मिलने की खबर के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। हालाँकि, वास्तव में बैनर किसने लगाया है इसकी पुष्टि नहीं हुई है। ऐसा कहा जाता है कि भंजनगर ने पिछले पांच वर्षों में माओवादियों द्वारा ऐसे पोस्टर - बैनर नहीं देखे थे।

बैनर देखकर चौंकी स्थानीय जनता

सूत्रों के अनुसार, वामपंथी उग्रवादी 2012 के चुनाव से पहले भंजनगर इलाके में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन, स्थानीय निवासियों और पुलिस की चिंताएं बढ़ गई हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कंधमाल जिले की सीमा से लगे दुर्गाप्रसाद इलाके के बाहरी इलाके में सुबह माओवादी द्वारा लगाए गए बैनर देखकर स्थानीय लोग चौंक गए। बैनर में लाल विद्रोहियों ने उलिंगिया-दुर्गाप्रसाद सड़क निर्माण का कड़ा विरोध किया है, जिसका काम बीच में ही रोक दिया गया है।

बैनर के स्रोत की नहीं हुई पुष्टि

बैनर पर लिखे संदेश के अनुसार माओवादियों का आरोप है कि सड़क कार्य की गुणवत्ता घटिया है और काम दोबारा शुरू करने से पहले संबंधित पक्षों को हमसे बातचीत करनी चाहिए। सूचना मिलने पर भंजनगर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। चूंकि जांच चल रही है इस कारण से पुलिस ने अभी तक बैनर के स्रोत की पुष्टि नहीं की है।

इसलिए लगाए गए बैनर...

सूत्रों के अनुसार परिस्थितिजन्य साक्ष्य और बैनर में लिखे संदेश माओवादियों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहे हैं तथा साथ ही माना जा रहा है कि लाल विद्रोहियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में लगे कुछ ठेकेदारों को धमकाने और उनसे पैसे वसूलने का इरादा रखते हुए बैनर लगाए हैं।

चूंकि माओवादियों का अधिकांश इलाकों में सफाया कर दिया गया है, जिससे वे बैकफुट पर है। अनुमान है कि कुछ उग्रवादी संगठन नकदी की कमी से जूझ रहे हैं और धन की नई आपूर्ति के साथ फिर से संगठित होने और वापस आने की कोशिश कर रहे हैं।

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