Sikkim Flood: त्रासदी में बलिदान ओडिशा के जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, CM ने दी श्रद्धांजलि
नेताओं प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के अधिकारियों ने भी सरोज को अंतिम श्रद्धांजलि दी। जवान को उसके गांव में सेना के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जिसके बाद उसके परिवार के सदस्यों रिश्तेदारों ग्रामीणों और सुरक्षा कर्मियों की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले दोपहर में जब उनका पार्थिव शरीर भुवनेश्वर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा तब मुख्यमंत्री सहित तमाम लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 08 Oct 2023 05:00 AM (IST)
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। बलिदानी उड़िया जवान सरोज कुमार दास, जिनका सिक्किम में दुखद बाढ़ में निधन हो गया था उनको शनिवार देर शाम को ढेंकानाल जिले के कामाख्यानगर ब्लॉक के अंतर्गत उनके पैतृक गांव केंदुधिपा में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
जब सरोज दास का पार्थिव शरीर भुवनेश्वर से एक भव्य जुलूस के साथ उनके गांव पहुंचा तो गांव में मातम पसर गया। आंखों में आंसू लिए एक बड़ी भीड़ उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। इलाके के सैकड़ों लोगों ने बलिदानी सरोज दास के समर्थन में उनके अमर बलिदान के साथ भारत माता की जय के नारे लगाए।
वे उनके आवास से गांव के श्मशान तक भव्य जुलूस में शामिल हुए। कई राजनीतिक नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के अधिकारियों ने भी सरोज को अंतिम श्रद्धांजलि दी। जवान को उसके गांव में सेना के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद उसके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, ग्रामीणों और सुरक्षा कर्मियों की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
गणमान्य व्यक्तियों ने जवान सरोज दास को श्रद्धांजलि अर्पित की
इससे पहले दोपहर में जब उनका पार्थिव शरीर भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा तब ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने जवान सरोज दास को श्रद्धांजलि अर्पित की ।यह भी पढ़ेंः Sikkim Flash Flood: सिक्किम में लापता 62 लोग जीवित मिले, सेना के 9 जवानों के पार्थिव शरीर भी बरामद
इसके बाद जवान के पार्थिव शरीर को बटालियन यूनिट कार्यालय ले जाया गया जहां से बलिदानी जवान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान ले जाया गया। गौरतलब है कि उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने के कारण लाचेन घाटी की तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद दास 22 अन्य सैन्यकर्मियों के साथ लापता हो गए थे।वह उस सेना टीम का हिस्सा थे जो इस भयानक आपदा में लापता हो गई थी। दास की हाल ही में फरवरी में शादी हुई है और वह 2012 से सेना में जवान के रूप में कार्यरत हैं। वह दो महीने पहले अपने परिवार से मिल कर अपने ड्यूटी पर गए थे।
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